किसी भौतिक राशि का परिमाण संख्याओं में व्यक्त करने को मापन कहा जाता है। मापन मूलतः तुलना करने की एक प्रक्रिया है। इसमें किसी भौतिक राशि की मात्रा की तुलना एक पूर्वनिर्धारित मात्रा से की जाती है। इस पूर्वनिर्धारित मात्रा को उस राशि-विशेष के लिये मात्रक कहा जाता है। उदाहरण के लिये जब हम कहते हैं कि किसी पेड़ की उँचाई १० मीटर है तो हम उस पेड़ की उचाई की तुलना एक मीटर से कर रहे होते हैं। यहाँ मीटर एक मानक मात्रक है जो भौतिक राशि लम्बाई या दूरी के लिये प्रयुक्त होता है। इसी प्रकार समय का मात्रक सेकण्ड, द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम आदि हैं।

लंबाई की इकाइयाँ

लंबाई की मीटरी मापें

  • 10 मिलीमीटर = 1 सेंटीमीटर (सेंमी॰)
  • 10 सेंटीमीटर = 1 डेसिमीटर (डेसिमी॰)
  • 10 डेसिमीटर = 1 मीटर (मी॰)
  • 10 मीटर = 1 डेकामीटर (डेकामी॰)
  • 10 डेकामीटर = 1 हेक्टोमीटर (हेमी॰)
  • 10 हेक्टोमीटर = 1 किलोमीटर (किमी॰)


लंबाई की ब्रिटिश मापें

  • 12 लाइन = 1 इंच
  • 12 इंच = 1 फुट
  • 3 फुट = 1 गज
  • 220 गज = 1 फर्लांग
  • 8 फर्लांग = 1,760 गज = 1 मील
  • 6 फुट = 1 फैदम
  • 5 1/2 गज = 1 पोल
  • 4 पोल = 1 चेन
  • 10 चेन = 1 फर्लांग
  • 3 मील = 1 लीग
  • 1.15 मील = 1 समुद्री या भौगोलिक मील।

लंबाई की सब मापों की तुलना से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि सब पद्धतियों में मीटरी प्रणाली सबसे अधिक सुविधाजनक तथा वैज्ञानिक है। भारत सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए, सारे देश में मीटरी प्रणाली के उपयोग के लिये कानून बना दिया है। दोनो पद्धतियों में लंबाई की इकाइयों में ये संबंध हैं :

  • 1 इंच = 2.54 सेंटीमीटर;
  • 1 मीटर = 39.37 इंच;
  • 1 किलोमीटर = 0.621 मील।

लंबाई को मापने के लिये लकड़ी या धातु की बनी हुई, पैमानों वाली पटरियाँ, या अन्य वस्तु के बने फीते, काम में लाए जाते हैं। इनके किनारे या तो सेंटीमीटर तथा मिलीमीटर में खुदे रहते हैं, अथवा इंच तथा उसके दसवें, आठवें या सोलहवें अंशों में। लंबी दूरियों को, या वक्र रेखाओं में लंबी दूरियों का, मापने के लिये मापक चेन, विशेषकर जमीन के सर्वेक्षण में, उपयोग में लाई जाती है।

जब पैमानों को लंबाई की सीध में सुविधा से नहीं रखा जा सकता, तब परकार, दंड परकार, या एक साधारण कैलिपर उपयोग में लाया जाता है। साधारण कैलिपर से भीतरी तथा बाहरी व्यास भी मापे जाते हैं। पाइप आदि के कोणों की माप करने के लिये वृत्तीय चल वर्नियर बनाए गए हैं। यदि मिलीमीटर के 1/10 वें हिस्से तक मापने की आवश्यकता हो, तो वहाँ पर चल वर्नियर का उपयोग किया जाता है। बहुत ही छोटी लंबाइयों को, जैसे किसी चद्दर की मोटाई या एक पतले तार का व्यास आदि, मापने के लिये स्क्रूगेज उपयोग में लाया जाता है।

क्षेत्रफल की इकाई मीटर पद्धति में वर्ग सेंटीमीटर तथा ब्रिटिश पद्धति में वर्ग फुट है। आयतन की इकाई मीटरी प्रणाली में एक घन किलोग्राम शुद्ध पानी के आयतन को मीटरी पद्धति में आयतन की इकाई, अर्थात् लिटर, कहते हैैं। साधारणत: एक घन डेसिमीटर को लिटर के समतुल्य माना गया है। आयतन की इकाई ब्रिटिश पद्धति में घनफुट कहलाती है। इस पद्धति में धारिता की मानक माप को गैलन कहा जाता है। 62 डिग्री फा0 ताप पर 10 पाउंड आसुत पानी 1 गैलन के बराबर माना गया है। यह पाया गया है कि 1 गैलन = 4.54 लिटर होता है। धारिता की मीटरा इकाई को लिटर माना गया है। 13 घन इंच के संबंध में यह पाया गया है कि 4 डिग्री सें0 पर हवा से रहित एक घन इंच शुद्ध पानी का भार 252.297 ग्रेन होता है।

द्रव्यमान की इकाइयाँ

मीटरी पद्धति में द्रव्यमान की इकाई को ग्राम (किलोग्राम का हजारवाँ भाग) कहते हैं और एक ग्राम का भार 4 डिग्री सें0 ताप के शुद्ध पानी के एक घन सेंटीमीटर (c.c.) के भार के बराबर होता है।द्रव्यमान की मीटरी मापें10 मिलीग्राम = 1 सेंटीग्राम10 सेंटीग्राम = 1 डेसिग्राम10 डेसिग्राम = 1 ग्राम10 ग्राम = 1 डेकाग्राम10 डेकाग्राम = 1 हेक्टोग्राम10 हेक्टोग्राम = 1 किलोग्राम10 किलोग्राम। = 1 मिरियाग्राम40 किलोग्राम। = 1 मण1000 किलोग्राम = 1 टन

ब्रिटिश प्रणाली में द्रव्यमान की इकाई को पाउंड कहते हैं। यह एक प्लैटिनम के बेलन का भार है, जो लंदन के राजकीय कार्यालय में रखा है।द्रव्यमान की ब्रिटिश ऐवॉर्डु पॉयज (Avoirdupois) मापें27.32 ग्रेन = 1 ड्राम16 ड्राम = 1 आउंस

               = 437 1/2 ग्रेन

16 आउंस। = 1 पाउंड।

                = 7,000 ग्रेन

20 हंड्रेडवेट = 1 टन4 क्वार्टर या 28 पाउंड = 1 क्वार्टर112 पाउंड = 1 लॉंग टन20 लॉइग हंड्रेडवेट = 1 लाङग टन

द्रव्यमान की इकाइयों का दोनों पद्धतियों में एक संबंध पाया गया है जो इस प्रकार है:

  • 1 ग्रेन = 0.0648 ग्राम;
  • 1 ग्राम = 15.432 ग्रेन;
  • 1 किलोग्राम = 2.2 पाउंड;
  • 1 पाउंड = 453.59243 ग्राम या 0.4536 किलोग्राम।
1परिचय
2मापन क्या हैं?
3मापन के प्रकार
3.1लंबाई का मापन
3.2वजन का मापन
3.3समय का मापन
3.4तापमान का मापन
4मापन के महत्व
5मापन के उपयोग
6मापन की तकनीकें
6.1अंकगणितीय तकनीक
6.2विज्ञानिक तकनीक
6.3यांत्रिक तकनीक
7मापन का मानकीकरण
8संक्षेप
9प्रश्नोत्तर

मापन

मापन हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण क्रिया है जो हमें विभिन्न प्रकार की राशियों या मापों को मापने में सक्षम बनाती है। यह हमें समय, दूरी, तापमान, वजन और अन्य परमाणुओं को मापने की सुविधा प्रदान करती है। इस लेख में हम मापन के विभिन्न पहलुओं, तकनीकों, महत्व और उपयोग के बारे में चर्चा करेंगे।

1. परिचय

मापन एक ऐसी क्रिया है जिसके द्वारा हम आवश्यक और महत्वपूर्ण मापों को माप सकते हैं। इसका उपयोग हमारे दैनिक जीवन में व्यापक रू

प से होता है और यह हमें विज्ञान, अंकगणित, और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भी उपयोगी साबित होता है। मापन हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है जो हमें आवश्यक और निश्चित जानकारी प्रदान करता है।

2. मापन क्या हैं?

मापन एक तकनीक है जिसका उपयोग हम विभिन्न प्रकार की राशियों और मापों को मापने के लिए करते हैं। यह हमें समय, दूरी, तापमान, वजन, तनाव, और अन्य गुणों की माप करने में मदद करता है। मापन विज्ञान, अंकगणित, और इंजीनियरिंग के अलावा व्यापार, निर्माण, नौसेना, खनन, नौविज्ञानिक शोध, और आर्थिक उपयोगिता क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

3. मापन के प्रकार

3.1 लंबाई का मापन

लंबाई का मापन हमें एक वस्त्र, वस्तु, या व्यक्ति की ऊंचाई को मापने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें मीटर, सेंटीमीटर, फीट, इंच, और यार्ड जैसे मापकों का उपयोग होता है। लंबाई का मापन विभिन्न क्षेत्रों में

उपयोगी होता है, जैसे कि वास्तुकला, फैशन, और खेल।

3.2 वजन का मापन

वजन का मापन हमें किसी वस्तु या पदार्थ की भार को मापने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें किलोग्राम, पाउंड, टन, औंस और ग्राम जैसे मापकों का उपयोग होता है। वजन का मापन व्यापार, वाणिज्यिक, और नौसेना सेक्टर में महत्वपूर्ण है।

3.3 समय का मापन

समय का मापन हमें घड़ी, मिनट, सेकंड, घंटे, और दिन की गणना करने में मदद करता है। समय का मापन विज्ञान, यांत्रिकी, यातायात, और भौतिकी के क्षेत्रों में उपयोगी होता है।

3.4 तापमान का मापन

तापमान का मापन हमें माहौल, पदार्थ, या देशांतर की गर्मी या ठंडक को मापने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें सेल्सियस, फ़ेरनहाइट, केल्विन, और रेंजिन जैसे मापकों का उपयोग होता है। तापमान का मापन मौजूदा विज्ञान और औद्योगिक सेक्टर में महत्वपूर्ण है।

4. मापन के महत्व

मापन विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका सही और निश्चित मापन हमें वैज्ञानिक शोध, इंजीनियरिंग परियोजनाएं, उत्पादन प्रक्रिया, और नए उत्पादों के विकास में सहायता प्रदान करता है। मापन के बिना हम विज्ञानिक प्रगति और तकनीकी उन्नति करने में असमर्थ होंगे।

5. मापन के उपयोग

मापन का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में व्यापक रूप से होता है। इसके माध्यम से हम वस्त्रों का आकार चुनते हैं, वाहन की स्पीड मापते हैं, प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, और रोजगारी आवेदनों में अपनी योग्यता को मापते हैं। मापन हमें अंकगणित, विज्ञान, और दैनिक गतिविधियों में निश्चितता प्रदान करता है।

6. मापन की तकनीकें

मापन के लिए विभिन्न तकनीकें उपयोगी होती हैं। इन तकनीकों का उपयोग अनुकरणीय, विज्ञानिक, और यांत्रिक होता है।

6.1 अंकगणितीय तकनीक

अंकगणितीय तकनीक मापन के लिए संख्यात्मक गणित का उपयोग करती है। यह मापकों के बीच संख्यात्मक संबंधों की गणना करने में मदद करती है। इसका उपयोग आकार, वजन, और समय के मापन में किया जाता है।

6.2 विज्ञानिक तकनीक

विज्ञानिक तकनीक मापकों के उपयोग करके प्रयोगों, प्रयोगशालाओं, और उपकरणों का उत्पादन करती है। इसमें विज्ञानिक सिद्धांतों, उपकरणों, और इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों का उपयोग होता है।

6.3 यांत्रिक तकनीक

यांत्रिक तकनीक मापन के लिए यांत्रिक उपकरणों का उपयोग करती है। इसमें स्केल, कैलिपर, थर्मामीटर, स्पीडोमीटर, और स्पेक्ट्रोमीटर जैसे यंत्रों का उपयोग होता है।

7. मापन का मानकीकरण

मापन का मानकीकरण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो मापकों को संगठित और मान्यता प्राप्त बनाती है। मानकीकृत मापकों का उपयोग अच्छी और सही मापन प्रदान करने के लिए होता है। यह विभिन्न उद्योगों, वैज्ञानिक शोधों, और मानकीकरण संगठनों द्वारा किया जाता है।

8. संक्षेप

मापन हमारे जीवन का महत्वपूर्ण एवं अविभाज्य अंग है। यह हमें विभिन्न प्रकार की राशियों और मापों को संगठित और मान्यता प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है। मापन विज्ञान, अंकगणित, और इंजीनियरिंग के अलावा व्यापार, निर्माण, नौसेना, खनन, नौविज्ञानिक शोध, और आर्थिक उपयोगिता क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

9. प्रश्नोत्तर

Q1. मापन क्यों महत्वपूर्ण है?

A1. मापन विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें निश्चित और सही जानकारी प्रदान करता है और विज्ञानिक प्रगति और तकनीकी उन्नति करने में सहायता प्रदान करता है।

Q2. मापन के क्या-क्या प्रकार होते हैं?

A2. मापन के विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे लंबाई का मापन, वजन का मापन, समय का मापन, तापमान का मापन आदि।

Q3. मापन का मानकीकरण क्या है?

A3. मापन का मानकीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें मापकों को संगठित और मान्यता प्राप्त किया जाता है। यह मापकों को सामान्य और योग्यता प्राप्त बनाने के लिए किया जाता है।

Q4. मापन के उपयोग क्या हैं?

A4. मापन का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में व्यापक रूप से होता है। इसके माध्यम से हम वस्त्रों का आकार चुनते हैं, वाहन की स्पीड मापते हैं, प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, और रोजगारी आवेदनों में अपनी योग्यता को मापते हैं।

Q5. मापन के लिए कौन-कौन सी तकनीकें होती हैं? A5. मापन के लिए विभिन्न तकनीकें होती हैं जैसे अंकगणितीय तकनीक, विज्ञानिक तकनीक, और यांत्रिक तकनीक। इन तकनीकों का उपयोग मापन करने के लिए किया जाता है।

science 1

आगे सभी मात्रक तथा पध्यतियो को जानने के लिये AUDIO NOTES सुने

 

Categorized in:

Tagged in: