पुर्तगालियों का भारत आगमन

पुर्तगालियों को समुद्री व्यापार का एकाधिकार

  • भारत आने वाली यूरोपीय कम्पनीयों में पुर्तगाली प्रथम थे पोप एलेक्जेंडर 4 ने 1492 ई. में एक आज्ञापत्र के द्वारा पुर्तगाल को समुद्री व्यापार का एकाधिकार सौंपा

वास्कोडिगामा का भारत आगमन

  • इसके पश्चात पुर्तगाली यात्री वास्कोडिगामा ने 8 जुलाई 1497को भारत की अपनी खोज यात्रा आरम्भ की ये पहले ब्राथलोम्यू डियास द्वारा खोजे गये मार्ग का अनुसरण करते हुए मुजाम्बिक पहुँचा
  • मोजाम्बिक में एक भारतीय व्यापारी के साथ 17 मई 1498 को कलीकट पहुँचा कलीकट में उस वक्त एक हिंदू राजा थे ‘जमोरिन’ (जमोरिन एक पैतृक उपाधि थी ) इसने वास्कोडिगामा का स्वागत किया और अपने राज्य में रहने व व्यापार करने की अनुमति भी दी
  • वास्कोडिगामा ने वहाँ से लाये हुये सामान यहाँ बेचे जिससे उसको 60 गुना ज्यादा लाभ प्राप्त हुआ

पुर्तगालियों की पहली कोठी

  •  भारत में पुर्तगालियों ने अपनी पहली कोठी कोचीन में स्थापित की

फारस की खाडी पर अधिकार

  •  उन्होंने व्यापार की दृष्टि से महत्वपूर्ण फारस की खाडी में स्थित हरमुज पर 1515में अधिकार कर लिया

पुर्तगाली बस्तियों का गवर्नर

  • 1500 ई. में ब्रेडो अल्बरे कबराल को पुर्तगाली बस्तीयों का गवर्नर बनाया गया

पुर्तगाली साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक

  • 1509 ई. में अलफांसो-डी-अलबुकर्क भारत में पुर्तगाली प्रदेशों का गवर्नर बनके आया इसे भारत में पुर्तगाली साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक भी माना जाता है

पुर्तगालियों की कोठियाँ

  • अलबुकर्क ने 1510 ई. में बीजापुर के सुल्तान यूसुफ आदिल शाह से गोवा छीन लिया और उसे अपनी राजधानी बनाया धीरे-धीरे पुर्तगालियों ने दीव से लेकर बंगाल में और हुगली तक अपनी कोठीयां स्थापित कर ली

कोलम्बो तथा मलक्का पर अधिकार

  • पुर्तगालियों ने 1518 ई. में कोलम्बो तथा मलक्का पर भी अधिकार कर लिया पंतु डचों के आने के बाद पुर्तगालियों की सत्ता सिर्फ गोवा तक सिमट कर रह गयी
  • डचों का शासन 1961 तक रहा

पुर्तगालियों की भारत को देन

  • स्थापत्य कला का पुर्तगालियों के समय में ही प्रचलन में आयी थी
  • पुर्तगालियों ने ही गोवा में 1556 ई. में भारत में प्रथम प्रिंटिंग प्रेस की भी स्थापना की थी
  • तम्बाकू, आलू की खेती और जहाज निर्माण ये भी भारत को पुर्तगालियों की ही देन है

 

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अतिरिक्त जानकारी

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  • वास्कोडिगामा के नाम पर पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में पुल बनाया गया है जो “यूरोप का सबसे लम्बा पुल” है, जिसकी लम्बाई 17.2 किमी है
  • इस पुल का निर्माण कार्य 1995 में शुरु हुआ था और इसे 1998 में आवागमन के लिये खोल दिया गया
  • इसे ठीक उसी समय खोला गया था जिस समय वास्कोडिगामा के समुद्र मार्ग से भारत की खोज की 500th Anniversary मनायी जा रही थी

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