सलीम चिश्ती अजमेर के ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के पौत्र थे । जब बादशाह अकबर द्वारा संतान प्राप्ति की दिशा में किए गए सभी प्रयास निष्फल रहे तो वह स्वप्न में आए निर्देश के मुताबिक़ बाबा सलीम चिश्ती के पास आए। उन्हीं के आशीर्वाद से अकबर को महारानी मरीयम-उज़्-ज़मानी से पुत्र प्राप्ति हुई और बाबा के नाम पर उसका नाम भी सलीम रखा गया। बाबा सलीम चिश्ती के सम्मान में ही बादशाह अकबर ने बुलंद दरवाज़ा बनवाया था । उसके बाद अकबर ने फ़तेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी भी बनाया लेकिन केवल 15 वर्षों में ही उसे अपना यह निर्णय बदलना पड़ा । यहाँ पर बादशाह अकबर का महल भी है जो कि भारत सरकार के पुरातत्त्व संरक्षण विभाग द्वारा संरक्षित है । यहाँ पर जोधाबाई महल, पंचमहल, अस्तबल, पचीसी दरबार, दीवान-ऐ-ख़ास, दीवान-ऐ-आम, बीरबल महल, अनूप तालाब भी है जहाँ पर सुरसम्राट तानसेन अपना संगीत सुनाते थे ।




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