अरुणाचल प्रदेश के उद्योग
- अरुणाचल प्रदेश की विशाल खनिज संपदा के संरक्षण के लिए 1991 में ‘अरुणाचल प्रदेश खनिज विकास’ और ‘व्यापार निगम लिमिटेड’ (ए. पी. एम. डी. टी. सी. एल.) की स्थापना की गई थी।
आंध्र प्रदेश के उद्योग
- हैदराबाद और विशाखापत्तनम के पास बड़े उद्योगों में मशीनी औज़ार, औषाधियाँ, भारी बिजली मशीनें, उर्वरक, इलेक्ट्रॉंनिक उपकरण, विमानों के कलपुर्जे, सीमेंट और रसायन, कांच तथा घडियों आदि का उत्पादन होता है।
आंध्र प्रदेश में देश के अच्छे किस्म के क्रिसोलाइट एस्बेस्टस के विशालतम भंडार हैं।
ओडिशा के उद्योग
- उद्योग प्रोत्साहन एवं निवेश निगम लि., औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड और उड़ीसा राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम ये तीन प्रमुख एजेंसियां राज्य के उद्योगों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
- इस्पात, एल्यूमीनियम, तेलशोधन, उर्वरक आदि विशाल उद्योग लग रहे हैं। राज्य सरकार लघु, ग्रामीण और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए छूट देकर वित्तीय मदद दे रही है। 2004 – 2005 वर्ष में 83,075 लघु उद्योग इकाई स्थापित की गयी।
केरल के उद्योग
- केरल में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं है। यहाँ पर पनबिजली, घने वन, दुर्लभ खनिज, परिवहन और अच्छी संचार प्रणाली, सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- यहाँ के परंपरागत उद्योग हैं- हथकरघा, काजू, नारियल जटा तथा हस्तशिल्प। अन्य महत्वपूर्ण उद्योगों में रबड, चाय, चीनी मिट्टी के बर्तन, बिजली तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, टेलीफ़ोन के तार, ट्रांसफार्मर, ईंट और टाइल्स, औषधियां और रसायन, सामान्य इंजीनियरी वस्तुएं, प्लाईवुड, रंगरोगन, बीड़ी और सिगार, साबुन, तेल, उर्वरक तथा खादी और ग्रामोद्योग उत्पाद शामिल हैं।
गुजरात के उद्योग
- गुजरात राज्य के औद्योगिक ढांचे में धीरे-धीरे विविधता आती जा रही है। यहाँ रसायन, पेट्रो-रसायन, उर्वरक, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि उद्योगों का विकास रहा है।
- 2004 के अंत में राज्य में पंजीकृत फैक्टरियों की संख्या 21,536 (अस्थाई) थी जिनमें औसतन 9.27 लाख दैनिक मज़दूरों को रोज़गार मिला हुआ था।
- मार्च, 2005 तक राज्य में 2.99 लाख लघु औद्योगिक इकाइयों का पंजीकरण हो चुका था।
गोवा के उद्योग
- गोवा में मत्स्य उद्योग महत्त्वपूर्ण है, सरकारी नीतियों व रियायतों ने औद्योगिक क्षेत्र के ज़रिये गोवा के तीव्र औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया है। उर्वरक, रसायन, दवा, लोहा और चीनी उद्योग यहाँ के बड़े उद्योग हैं।
- यहाँ पर मध्यम व लघु उद्योग भी हैं, जिनमें पारम्परिक हस्तशिल्प उद्योग भी शामिल हैं। औद्योगिक उत्पादों का भारत व विदेश में अच्छा बाज़ार है।
छत्तीसगढ़ के उद्योग
- छत्तीसगढ़ में वन, खनिज और भूजल जैसे प्राकृतिक संसाधनों का असीम भंडार है। पिछले कुछ वर्षो से राज्य में उद्योगों का विस्तार हो रहा है।
- छत्तीसगढ़ में देश का लगभग 15 प्रतिशत इस्पात तैयार होता है।
भिलाई इस्पात संयंत्र, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम, साउथ-ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड एन.टी.पी.सी. जैसे भारत सरकार और ए.सी.सी. गुजरात अंबुजा, ग्रासिम, एल एंड टी सी सी आई और फ्रांस के ला-फार्गे जैसे बड़े सीमेंट प्लांट तथा 53 इस्पात परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में है।
जम्मू और कश्मीर के उद्योग
- हस्तशिल्प जम्मू और कश्मीर का परपंरागत उद्योग है। हाथ से बनी वस्तुओं की व्यापक रोज़गार क्षमता और विशेषज्ञता को देखते हुए राज्य सरकार हस्तशिल्प को उच्च प्राथमिकता दे रही है।
- कश्मीर के प्रमुख हस्तशिल्प उत्पादों में काग़ज़ की लुगदी से बनी वस्तुएं, लकड़ी पर नक़्क़ाशी, कालीन, शॉल और कशीदाकारी का सामान आदि शामिल हैं।
- हस्तशिल्प उद्योग से काफ़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित होती है। हस्तशिल्प उद्योग में 3.40 लाख कामगार लगे हुए हैं।
झारखण्ड के उद्योग
- झारखण्ड के कुछ बडे उद्योग हैं:
- सार्वजनिक क्षेत्र का बोकारो स्टील प्लांट,
- जमशेदपुर में निजी क्षेत्र की टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को)।
- अन्य प्रमुख उद्योग हैं: टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को),
- टिमकेन इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर),
- भारत कुकिंग लिमिटेड (धनबाद),
तमिलनाडु के उद्योग
- तमिलनाडु राज्य के प्रमुख उद्योग हैं – सूती कपडा, भारी वाणिज्यिक वाहन, ऑटो कलपुर्जे, रेल के डिब्बे, विद्युतचालित पंप, चमडा उद्योग, सीमेंट, चीनी, काग़ज़, ऑटोमोबाइल और माचिस।
- तमिलनाडु के औद्योगिक परिदृश्य में सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी जैसे ज्ञान आधारित उद्योगों को विशेष महत्व दिया गया है।
- सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, टाइडैल की स्थापना थारामणि, चेन्नई में की गई है।
नागालैंड के उद्योग
- नागालैंड राज्य में औद्योगिकरण की प्रक्रिया शैशवावस्था में है।
दीमापुर में एक लाख ईंटें प्रतिदिन उत्पादित करने की क्षमता वाली ‘नागालैंड मैकेनाइज्ड ब्रिक्स कंपनी लि.’ प्रारम्भ कर दी गई है।
- हथकरघा और हस्तशिल्प महत्वपूर्ण कुटीर उद्योग है, जो अधिकतर सहकारी समितियों द्वारा चलाए जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के उद्योग
- पश्चिम बंगाल में वर्ष 2007 में, उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 3677.51 करोड़ रुपए की निवेश वाली 96 परियोजनाएं शुरू की गईं।
- इसके अतिरिक्त हलदिया पेट्रो केमिकल्स की 34 अधोगामी परियोजनाओं में 160.15 करोड़ रु. का निवेश किया गया है और इस प्रकार कुल निवेश 3837.66 करोड़ रु. हो गया है।
- यह अपेक्षित है कि 150 यूनिट की कुल संख्या के साथ 4014.84 करोड़ रु. का कुल निवेश 2007 के अंत तक राज्य में कार्यान्वित किया जाएगा और कार्यान्वित परियोजनाओं की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।
मणिपुर के उद्योग
- मणिपुर में कृषि के बाद सबसे अधिक रोज़गार देने वाला कुटीर उद्योग हथकरघा उद्योग है।
- यह उद्योग आय का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है विशेषकर महिला बुनकरों के लिए यह आदर्श है। हरथकरघा बुनाई का पारंपरिक कौशल महिलाओं के लिए प्रतिष्ठा का प्रतीक है।
- यह उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन का एक अविभाज्य अंग है।
दिल्ली के उद्योग
- दिल्ली न केवल उत्तर भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक केंद्र है, बल्कि यह लघु उद्योगों का भी सबसे बड़ा केंद्र है।
- इनमें टेलीविज़न, टेपरिकार्डर, हल्का इंजीनियरिंग साज-सामान, मशीनें, मोटरगाडियों के हिस्से पुर्ज़े, खेलकूद का सामान, साइकिलें, पी.वी.सी. से बनी वस्तुएं जूते-चप्पल, कपड़ा, उर्वरक, दवाएं, हौजरी का सामान, चमड़े की वस्तुएं, सॉफ्टवेयर आदि विभिन्न वस्तुएं बनाई जाती हैं।
मध्य प्रदेश के उद्योग
- मध्य प्रदेश ने इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोटरवाहनों, सूचना प्रौद्योगिकी आदि उच्च तकनीकी उद्योगों के क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है। दूरसंचार प्रणालियों के लिए यह राज्य ऑप्टिकल फाइबर का उत्पादन कर रहा है।
- इंदौर के पास पीठमपुर में बडी संख्या में मोटर वाहन उद्योग स्थापित हुए है। राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख उद्योग है – भोपाल में ‘भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि.’, होशंगाबाद में ‘सिक्योरिटी पेपर मिल’, देवास में नोट छापने की प्रेस, नेपानगर में अख़बारी काग़ज़ की मिल और नीमच की अल्कालॉयड फैक्ट्री।
महाराष्ट्र के उद्योग
- महाराष्ट्र को पूरे देश का औद्योगिक क्षमता का केंद्र माना जाता है और राज्य की राजधानी मुंबई देश की वित्तीय तथा वाणिज्यिक गतिविधियों का केंद्र है। राज्य की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है।
मिज़ोरम के उद्योग
- संपूर्ण मिज़ोरम अधिसूचित पिछडा क्षेत्र है और इसे ‘उद्योग विहीन क्षेत्र’ के तहत वर्गीकृत किया गया है। 1989 में मिज़ोरम सरकार की औद्योगिक नीति की घोषणा के बाद पिछले दशक में यहाँ कुछ आधुनिक लघु उद्योगों की स्थापना हुई है।
- मिज़ोरम ने उद्योगों का और तेजी से विकास करने के लिए वर्ष 2000 में नई औद्योगिक नीति की घोषणा की। इसमें इलेक्ट्रॉनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी, बांस तथा इमारती लकडी पर आधारित उत्पाद, खाद्य तथा फलों का प्रसंस्करण, वस्त्र, हथकरघा तथा हस्तशिल्प जैसे लघु और कुटीर उद्योग शामिल हैं।
मेघालय के उद्योग
- मेघालय राज्य की वित्तीय एवं औद्योगिक विकास संस्था का नाम ‘मेघालय औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड’ है, जो उद्योग के लिए स्थानीय उद्यमियों को वित्तीय सहायता देती है।
राजस्थान के उद्योग
- राजस्थान सांस्कृतिक रूप में समृद्ध होने के साथ-साथ खनिजों के मामले में भी समृद्ध रहा है और अब वह देश के औद्योगिक परिदृश्य में भी तेजी से उभर रहा है।
- राज्य के प्रमुख केंद्रीय प्रतिष्ठानों में देबरी (उदयपुर) में जस्ता गलाने का संयंत्र, खेतडी (झुंझनूं) में तांबा परियोजना और कोटा में सूक्ष्म उपकरणों का कारख़ाना शामिल है।
- मार्च, 2006 तक राज्य में लघु उद्योगों की 2,75,400 इकाइयां थी। जिनमें 4,336.70 करोड़ रुपये की पूँजी लगी थी और लगभग 10.55 लाख लोगों को रोज़गार मिला हुआ था।
सिक्किम के उद्योग
- सिक्किम औद्योगिक रूप से पिछड़ा राज्य घोषित किया गया है, किन्तु कई सदियों पहले यहाँ दस्तकारी पर आधारित परंपरागत सिक्किम कुटीर उद्योग हैं।
- लेपचा लोग बांस के सामान, लकड़ी के सामान, धागा बुनाई और ग़लीचे की बुनाई परंपरागत तरीकों से बहुत ही कुशलता से करते हैं, भूटिया जाति के लोगों को गलीचा और कंबल बुनाई की प्राचीन तिब्बती पद्धति में महारत हासिल हैं और नेपाली लोग धातु, चांदी और लकड़ी के सामान की कारीगरी में बहुत ही निपुण होते हैं।
हरियाणा के उद्योग
- हरियाणा का औद्योगिक क्षेत्र बहुत ही विस्तृत और विशाल है। राज्य में 1,343 बड़ी और 80,000 लघु उद्योग इकाइयां कार्यरत हैं। हरियाणा में बहुत सी वस्तुओं का उत्पादन होता है।
- कार, ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, साइकिल, रेफ्रिजरेटर, वैज्ञानिक उपकरण आदि अनेक प्रकार के उत्पादकों का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य हरियाणा है। विश्व बाज़ार में बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक हरियाणा है।
- पंचरंगा अचार के अतिरिक्त पानीपत में हथकरघे से बनी वस्तुएं और कालीन विश्व भर में प्रसिद्ध है और इनका निर्यात बड़े स्तर पर किया जाता है।
उत्तर प्रदेश के उद्योग
- उत्तर प्रदेश राज्य में काफ़ी समय से मौजूद वस्त्र उद्योग व चीनी प्रसंस्करण उद्योग में राज्य के कुल मिलकर्मियों का लगभग एक-तिहाई हिस्सा लगा है। राज्य की अधिकांश मिलें पुरानी व अक्षम हैं।
- अन्य संसाधन आधारित उद्योगों में वनस्पति तेल, जूट व सीमेंट उद्योग शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने यहाँ पर भारी उपकरण, मशीनें, इस्पात, वायुयान, टेलीफ़ोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और उर्वरकों के उत्पादन वाले बहुत से बड़े कारख़ाने स्थापित किए हैं।
त्रिपुरा के उद्योग
- त्रिपुरा में मुख्यतः छोटे पैमाने पर निर्माण कार्य होता है, जिसमें बुनाई, बढ़ईगिरि, टोकरी व मिट्टी के बर्तन बनाने जैसे कई कुटीर उद्योग शामिल हैं।
छोटे पैमाने के उद्योगों के विकास को बढ़ाने में राज्य सरकार सक्रिय है।
बाँस व बेंत हस्तशिल्प में कक्ष विभाजक, फ़र्नीचर भित्तिपट्टिका, टेबल मैट और फ़र्श पर बिछाने वाली चटाईयाँ शामिल हैं, जिन्हें स्थानीय स्तर पर बनाया जाता है।
- औद्योगिक इकाईयाँ चाय, चीनी डिब्बाबंद फल कृषि औज़ार ईंट और जूते-चप्पल बनाती हैं
पंजाब के उद्योग
- पंजाब में विभिन्न लघु व मध्यम आकार के उद्योग हैं। भारत के मुख्य राज्यों में से पंजाब में प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है।
- यहाँ सूती,,ऊनी और रेशमी वस्त्र उद्योग, खाद्य उत्पाद, धातु उत्पादन, परिवहन उपकरण व पुर्जे, धातु व मिश्र धातु उद्योगों में सबसे ज़्यादा श्रमिक कार्यरत हैं।