असोम | सामान्य ज्ञान | सभी महत्वपूर्ण तथ्य

  • राज्य निर्माण  -26 जनवरी,1950
  • क्षेत्रफल -78438 वर्ग किमी
  • लिंगानुपात -954
  • मुख्य भाषा -असमिया
  • राजधानी -दिसपुर
  • जनसंख्या -31169272
  • साक्षरता -73.18%
  • जनसंख्या घनत्व -397

  • जिले -27

इतिहास


  • असोम को इतिहास में विभिन्न नामों से जाना जाता है; जैसे-प्राग्ज्योतिष, कामरूप, अहोम।
  • कुछ विद्वानों के अनुसार ‘असोम’ का अर्थ है-अनुपम तथा अद्वितीय। लेकिन अधिकांश विद्वानो का मानना है कि इसकी व्युत्पत्ति ‘अहोम’ शब्द से हुई है।
  • ब्रिटिश शासन में इसके विलय से पूर्व लगभग छह सौ वर्षों तक अहोम राजाओं ने यहाँ पर शासन किया।
  • असोम में समय-समय पर विभिन्न जातियाँ; जैसे-ऑस्ट्रिक, मंगोलियन, द्रविड़ और आर्य यहाँ आकर बसीं और यहाँ की मिश्रित संस्कृति में अपना योगदान दिया। इस तरह असोम में संस्कृति और सभ्यता की समृद्ध परम्परा रही है।
  • अंग्रेजों ने बर्मा को पराजित कर वर्ष 1826 में यान्दबू की सन्धि की तथा वर्ष 1832 में कछार को असोम में मिला दिया।
  • इसी क्रम में वर्ष 1835 में जयन्तिया पहाड़ियों को असीम में सम्मिलित कर दिया गया। वर्ष 1839 में अपर असीम को बंगाल में मिला दिया और वर्ष 1874 में एक चीफ कमिश्नरी के अधीन असीम को एक अलग प्रान्त बना दिया, जिसकी राजधानी शिलाँग थी।
  • वर्ष 1951 में उत्तरी कामरूप का देवनगिर क्षेत्र भूटान को सौंप दिया गया। वर्ष  1948 में नेफा को असीम से पृथक कर दिया गया।

 

महत्वपूर्ण तथ्य

  • असोम ‘ पूर्वोतर भारत का प्रहरी ‘ और ‘ पूर्वोत्तर राज्यों का प्रवेश द्वार ‘ है । यह भूटान और बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है ।
  • असोम के उत्तर में भूटान तथा अरुणाचल प्रदेश, पूर्व में मणिपुर तथा नागालैण्ड, दक्षिण में मेघालय, मिजोरम तथा त्रिपुरा व पश्चिम में बांग्लादेश है ।
  • कृषि -धान यहीं की मुख्य खाद्य फसल है। जूट, चाय, कपास यहाँ की नकदी फसलें हैं। बागवानी फसलें हैं-सन्तरा, केला. अनानास, सुपारी, नारियल, अमरूद, आम इत्यादि।
  • वन -कुल भौगोलिक क्षेत्र का 26.22%
  • नदियाँ -ब्रह्मपुत्र. सुवसिरी, भटेली, पगलादिया, मानस इत्यादि ।
  • वन्य जीव -राज्य में पाँच राष्ट्रीय पार्क और 11 वन्यजीव अभ्यारण्य और पक्षी बिहार हैं । काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और मानस बाघ परियोजना (राष्ट्रीय उद्यान) क्रमश : एक सीग वाले गैण्डों तथा रॉयल बंगाल टाइगर के लिए विश्व प्रसिद्ध हें । काजीरंगा यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है । इसमें हुलोक गिबन, पेलकिन, हॉर्नबिल, आइबिस इत्यादि पाए जाते हैं।
  • उद्योग- असोम में कृषि आधारित उद्योग में सबसे महत्वपूर्ण चाय उद्योग है। यहाँ चार तेल शोधक कारखाने नूनाबटी, बोंगईगांव, नुमालीगढ़ और डिग्बोई में हैं। गुवाहाटी के समीप अमीन गाँव में निर्यात संवर्द्धन औद्योगिक पार्क का निर्माण पूर्ण होने वाला है तथा बोरझार में एक सॉफ्टवेयर टेस्नोलॉजी पार्क बनाने का प्रावधान है। अमीन गाँव में ही सेण्ट्रल इंस्टीट्‌यूट फॉर प्लास्टिक इंजीनियरिंग टेक्नालजी की स्थापना की गई है ।
  • हस्तशिल्प तथा कुटीर उद्योग में असोम में रेशम, बेंत, बाँस की वस्तुएँ, गलीचे, काष्ठ शिल्प, पीतल तथा अन्य उद्योग महत्वपूर्ण हैं। असोम की प्रमुख विशेषता उसका रेशम उद्योग है यहाँ रेशम की एण्डी, मूँगा तथा टसर का उत्पादन होता है। मूंगा रेशम का उत्पादन विश्व में सिर्फ असोम में होता है।

  • त्यौहार -असोम का मुख्य त्योहार बिहू है। यह वर्ष में तीन बार मनाया जाता है
  • रंगाली बिहू/बोहाग बिहू-फसल बुवाई के समय/नव वर्ष का शुभारम्भ, भोगली बिहू/माघ बिहू-फसल कटाई, काती बिहू/कागली बिहू -शरद ऋतु का मेला
  • पर्यटन -कामाख्या मन्दिर, उमानन्दा (मयूर द्वीप), नवग्रह मन्दिर, गाँधी मण्डप, कामदेव मन्दिर और सरायघाट पुल इत्यादि। पोबीलोटा और ओरंग (वन्यजीव उद्यान), शिवसागर, माजुली द्वीप, हाजी, सुआलकुची अन्य दर्शनीय स्थल हैं ।
  • जनजातियाँ -खासी, दिमासा, बोदो, रामा, करो, लालुग, दफ्ला, मिरी, अबोर मिश्मी, अहप्पाटानी, लुशाई, आका तथा कुकी
  • क्षेत्रीय नृत्य -झूमर नृत्य, देवधानी (मनसा देवी की भक्ति), बिहू नृत्य (त्यौहारों पर), बोडो नृत्य (बोडो समुदाय द्वारा)
  • सडकें असोम में सड़कों की लम्बाई 37515 किमी थी जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई 2836 किमी शामिल है । भारत-बांग्लादेश सीमा पर 27 किमी लम्बी सड़क बनाने एवं 160 किमी सीमा पर काँटेदार तार-बाड़ लगाने का कार्य पूरा किया जा चुका है।
  • रेलवे इस समय असोम में रेलमार्गों की लम्बाई 2284.28 किमी है जिसमें छोटी रेल लाइन 1057.12 किमी और बड़ी लाइन 1227.16 किमी शामिल है ।
  • विमान सेवा नागरिक विमानों की नियमित उड़ानें लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई हवाई अड़डा (गुवाहाटी ), सिलोनीबाड़ी (तेजपुर ), मोहनबाड़ी (डिब्रूगढ), सिलोनीबाड़ी (उत्तरी लखीमपुर),कुम्भीर ग्राम (सिल्वर) और रोवरियाह (जोरहाट) से होती हैं ।




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