मिजोरम फरवरी, 1987 में भारत का 23 वाँ राज्य बना था। वर्ष 1972 में केन्द्र शासित प्रदेश बनने से पूर्व यह असोम का एक जिला था।
भारत सरकार और मिजो नेशनल फ्रण्ट के बीच वर्ष 1986 में हुए समझौते के परिणामस्वरूप 20 फरवरी, 1987 को यह पूर्ण राज्य बना।
महत्वपूर्ण तथ्य
मिजोरम पूर्व तथा दक्षिण में म्यांमार और पश्चिम में बांग्लादेश के मध्य स्थित होने के कारण सामरिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
कृषि -मिजोरम का एकमात्र उद्यम कृषि है। कृषि की मुख्य प्रणाली झूम या स्थानान्तरित कृषि है । यह अपने बिना रेशे वाले अदरक के लिए विख्यात है ।
यहाँ चार किस्म का रेशम मिलता है-शहतूत के पत्तों का रेशम, एरी रेशम, टसर तथा मूँगा रेशम। यहाँ चिड़ा की आँख वाली मिर्च भी उगाई जाती हैं।
बागवानी -मैडिरिचन सन्तरा, केला, सादे फल इत्यादि मिलते हैं।
यहाँ एम्यूरिघम, बर्ड ऑफ पेराडाइज. ऑर्किड, चिरासेन्धियम इत्यादि मौसमी फूलों की खेती होती है।
वन -मिजोरम के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 91.27% भाग वनों से ढका है. जो देश में सबसे अधिक है। आइजोल चिड़ियाघर में विलुप्तप्राय: दुर्लभ पक्षी. जिसे स्थानीय भाषा में बाबू अथवा ह्यूमस बारटेल फीजेण्ट कहा जाता है, का पहली बार सफलतापूर्वक प्रजनन कराया गया है।
संगीत तथा नृत्य -मिजोरम समाज का संगीत तथा नृत्य एक महत्वपूर्ण भाग है इसलिए इसे ‘ सोग बार्ड ऑक द ईस्ट ‘ कहा जाता है।, खुल्लाम नृत्य (इसे अतिथि का डांस भी कहा जाता है), छेरॉव नृत्य (मिजो का पारम्परिक नृत्य, बाँस के साथ), सरलामकाई सोलाकिआ (विभिन्न समुदायों के बीच होने वाला युद्ध नृत्य), छैलम नृत्य (चपचार कुट पर किया जाने वाला नृत्य), छवांगलैजवन नृत्य (पति द्वारा पत्नी की मृत्यु का शोक मनाने के लिए), छिइहलम नृत्य (एक समूह में बैठकर एक नृत्याकार जोड़े का नृत्य देखना), तलंगलम (पुरुष तथा महिलाओं द्वारा), जंगटलम नृत्य (पुरुष-महिला नृत्य)
पर्यटन स्थल -चमफाई, तामदिल (प्राकृतिक झील), वानताग (जलप्रपात), अल्पाइन पिकनिक हट, बेरो त्लांग इत्यादि|
संस्थान -एडवान्स रिसर्च सेण्टर फॉर बैम्बू एण्ड रतन (एआरसीबीआर)
परिवहन – सडकें राज्य में सड़कें संचार, परिवहन, यात्रियों और सामान ढोने का साधन हैं । राज्य में सड़कों की कुल लम्बाई 6349.60 किमी है और सड़क घनत्व 300012 किमी प्रति 100 वर्ग किमी है। छह राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य से गुजरते हैं । एनएच-54 आइजोल को बाकी देश से जोड़ता है । आइजोल अब शिलाँग और गुवाहाटी से भी जुड़ा है ।
रेलवे असीम सीमा के पास बैराबी में कटकल जवान से 1 .5 किमी दूर राज्य में लिंक स्थापित किया गया है।