सोलहवीं शताब्दी के आरंभ में जर्मन रसायनज्ञ वैज्ञानिक पैरासेल्सस ने देखा कि गंधक के अम्ल में लोहा डालने से एक ज्वलनशील गैस निकलती है वान हेल्मानट ने पहले-पहल लगभग सन 1630 में गैस शब्द का प्रयोग किया उन्होंने कई प्रकार की गैसों के बारे में बताएं जिनमें दो गैसों का नाम का उल्लेख काफी स्पष्ट है, लेकिन इन गैसों को प्राप्त कर कर भी वह उन्हें इकट्ठा नहीं कर पाए थे रॉबर्ट बॉयल कि पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पहली बार किसी गैस को इकट्ठा करने में सफलता प्राप्त लोहे और गंधक के अम्ल से प्राप्त होने वाली गैस की ज्वलनशीलता का पता उन्होंने  ही लगाया  गैसों को इकट्ठा किए बिना उनका वैज्ञानिक विधियों द्वारा सही रूप में अध्ययन नहीं किया जा सकता था इसीलिए गैसों के अध्ययन में लंबे समय तक रुकावटें रही गैसों को पानी के ऊपर इकट्ठा करने की विधि का आविष्कार सन 1727 में अंग्रेज पादरी स्टीफन है ने किया था ‘न्यूमेटिक बाथ’ के आविष्कार के बाद गैसों से संबंधित प्रयोग और शोध कार्य आसान हो गये थे |


  • हेनरी केवेंडिश ने सन 1766 में लोहे या जस्ते पर हल्के गंधक के अम्ल की अभिक्रिया द्वारा एक गैस प्राप्त की तथा उसके गुणों का अध्ययन करने के बाद उसका नाम ज्वलनशील गैस रखा उन्होंने सिद्ध किया कि यह गैस पानी का एक अवयव है सन 1783 में लेवासिए ने इस गैस और ऑक्सीजन के संयोग द्वारा जल का निर्माण किया और इसी आधार पर इस देश का नाम हाइड्रोजन रखा
  • कैवेंडिश ने नमक की अमृतसर तांबे के तार की अभिक्रिया करके एक गैस प्राप्त की | प्रिस्टले ने भी उनके प्रयोग के आधार पर ‘अम्ल वायु’ को पारे के ऊपर इकट्ठा किया यह अम्ल वायु आज की हाइड्रोक्लोरिक एसिड गैस थी |
  • कैवेंडिश ने एक और गैस का पता लगाया था, जिसका नाम ‘फ्लाजिस्टिक’ या ‘मेफेटिक एयर’ लेकिन उन्होंने अपने परिणामों को प्रकाशित नहीं कराया सन 1772 में डेनियल रदरफोर्ड ने भी इस गैस की खोज की तथा इसके गुणों का अध्ययन करने के बाद इसका नाम ‘मेफेटिक एयर’ रखा लेवासिए ने इसके गुणों का अध्ययन करके इसका नाम एजोट यानी ‘जीवन रहित’ रखा रसायनिज्ञ चैपटल ने 1823 में इसका नाम नाइट्रोजन रखा जो आज भी प्रचलित है |

आगे ऑडियो में विस्तार से सुनिये –

  • अन्य गैसों की खोज
  • गैसों से सम्बंधित विभिन्न नियम

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