Hindi Divas Speech in Hindi
हिन्दी दिवस(Hindi Divas) प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है, पर हर वर्ष हम इसे मना कर भूल जाते हैं, आइये इस बार से हिन्दी दिवस को सार्थक बनायें
ज़रा सोचिये हमें विचार कैसे आते है, अगर आपकी कोई भाषा ना हो तब कुछ विचार कर के देखिये, आप कुछ भी विचार नहीं कर पायेंगे आपको कोई विचार ही नहीं आएगा, हमें विचार उसी भाषा में आता है जो हमें आती है, हमें कभी ऐसी भाषा में नहीं आयेगा जो हमें आती ही ना हो, ज़रा फ्रेंच में कोई विचार लाकर दिखाइये, आप नहीं ला सकते अगर आपको फ्रेंच ना आती हो
हम इतने विचारों की बातें क्यों कर रहे हैं क्या होगा विचार आने से ?
- जब एडिसन ने बल्ब बनाया था तो उसे पहले विचार ही आया था
- जब राईट बंधुओं ने हवाई जहाज बनाया था तो उसे पहले विचार ही आया होगा
- मोबाइल का आविष्कार हो, या मैं गूगल की बात करूं, भाई सबसे पहले तो विचार ही आया ना ये करने का
अब आप सोचोगे कि ये सभी तो अंग्रेजी बोलते थे और अंग्रेजी में सोचते थे, अब ज़रा सोचिये अगर मैं ये कहूं कि यदि एडिसन से कहा जाता हिंदी सीखो और हिन्दी में सोचो तो क्या वो ऐसा कर पाता, बिलकुल नहीं, आशा है आप समझ गए होंगे
किसे कैसे विचार आते हैं ?
- विचार पूर्णत आपकी भाषा और आपकी शब्दावली पर निर्भर करते हैं जैसी आपकी शब्दावली वैसे आपके विचार
- उदाहरण के लिए अगर आपको बहुत सारे तकनीक संबंधी शब्द आते है तो आपको तकनीक के विचार आयेंगे और अगर आपको खाने से सम्बंधित शब्द आते हैं तो आपको वही विचार आयेंगे
- यदि किसी की शब्दावली गालीयों से भारी है तो उसे वैसे ही विचार भी आयेंगे |
इसमें भाषा के विकास की बात कहाँ से आयी ?
- देखिये यहाँ बात है अपनी भाषा को सुधारने की अपनी शब्दावली में अच्छे शब्द भरने की ना कि खराब क्योंकि जैसी शब्दावली वैसे विचार
हिन्दी क्यों अंग्रेजी क्यों नहीं ?
ढेर सारे कारण हैं मेरे पास पर चलिए कुछ देखते हैं
- चूंकि हिन्दी हमारी मात्रभाषा है अत: विचार आने कि शुरुआत तो इसी से होगी और बीच में कोई और भाषा आने से आपको उसमे विचार तो आना शुरू नहीं होंगे और अगर होंगे भी तो वह इतने अच्छे नहीं होंगे क्योंकि आपके आस पास तो सभी हिन्दी भाषी है और आपको हिन्दी शब्दावली ही सुनने को मिलेगी, तो अधकचरे विचारों से बेहतर है हिन्दी बोलिए, हिन्दी में सोचिये
- सभी देश अपनी भाषा को पहले और विदेशी भाषा को बाद में रखते हैं, उदाहरण के लिए चीन और जापान में अंग्रेजी जानने वाले नाम मात्र हैं |
- हिन्दी शब्दावली में बहुत धनी है |
भाषा का विकास ही मानव का विकास है
- हममें और पशुओं में यही प्रमुख अंतर है कि हमारी भाषा विकसित है
- और इसी भाषा की बदौलत हमें विचार आये और आज हम इतना विकास कर गये
तो अपनी बात को यहीं समेटते हुए मेरा यही कहना है अपनी हिन्दी भाषा का विकास कीजिये, आपकी सोच तथा देश का विकास स्वत: हो जाएगा
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने यूंही नहीं कहा –
“ | निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।। विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार। सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।। |
” |
भावार्थ:
निज यानी अपनी भाषा से ही उन्नति सम्भव है, क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है। मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण सम्भव नहीं है।
विभिन्न प्रकार की कलाएँ, असीमित शिक्षा तथा अनेक प्रकार का ज्ञान,
सभी देशों से जरूर लेने चाहिये, परन्तु उनका प्रचार मातृभाषा में ही करना चाहिये।
tags: Hindi Divas in Hindi, Hindi divas kab manaya jata hai/Hindi Diwas/Hindi Divas Speech, hindi diwas speech in hindi