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क्यों मनाया जाता है ?

  • बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्म दिवस 14 नवंबर के दिन मनाया जाता हैं . जवाहरलाल नेहरु स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे | चाचा नेहरु को बच्चों से विशेष प्रेम था वे अपना समय बच्चो के बीच बिताना बहुत पसंद करते थे और बच्चे भी इनके साथ सहज महसूस करते थे आसानी से इनसे जुड़ जाते थे अपने दिल की बात इनसे कर पाते थे इसलिए बाल दिवस के लिए नेहरु जी के जन्म दिवस से अच्छा कोई मौका नहीं हो सकता था
  • विश्व स्तर पर बाल दिवस मनाये जाने का प्रस्ताव श्री वी कृष्णन मेनन द्वारा दिया गया था जिसके बाद सबसे पहली बार बाल दिवस अक्टूबर में मनाया गया . सभी देशों में इसे मनाये जाने एवम स्वीकृति मिलने के बाद संयुक्त राष्ट्र  महा सभा द्वारा 20 नवंबर को अन्तराष्ट्रीय बाल दिवस की घोषणा की गई |

कैसे मनाया जाता है ?

  • इस अवसर पर सभी विद्यालयों में अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं जैसे निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता एवं अन्य |

क्या सफल है ऐसे बाल दिवस मनाना ?

  • हमारे देश में लगभग 50 लाख बाल मजदूर हैं, इनमे से अधिकतर 9 से 14 वर्ष की आयु के हैं | जिन्हें 6 घंटे से लेकर 14 -15 घंटे तक फैक्ट्री में काम कराया जाता है | 64 % मजदूरों को मेहनताना भी नहीं दिया जाता क्योंकि या तो वे घर या रिश्तेदार के खेत या किसी दूकान पर मदद के नाम पर काम करते हैं |
  • ActionAid India के अनुसार भारत में प्रत्येक 11 में से एक बच्चे को परिवार की जीविका चलाने के लिये कमाना पड़ता है |
  • हालांकि प्रत्येक वर्ष 12 जून को हम “बाल मजदूरी निषेध” दिवस के रूप में मनाते हैं, पर सिर्फ मनाते हैं हममे से अधिकतर लोगों को शायद पता भी नहीं होगा इसके बारे में |
  • इनमे से अधिकतर या तो किसी होटल, किसी कारपेट फैक्ट्री या फिर लैदर फैक्ट्री में काम पर लगा दिए जाते हैं |पिछले महीने संसद में बाल मजूदरी के खिलाफ एक नए कानून को पास किया गया जिसमें 14 साल से कम उम्र के बच्चों के मजदूरी करने को गैरकानूनी करार दिया गया. सुनने में तो स्वतंत्रता दिवस पर भारत में 5 से 17 साल के करीब 50 लाख 70 हज़ार बाल मजदूरों के लिए इससे अच्छा तोहफा कुछ नहीं हो सकता लेकिन इस नए कानून में एक छूट भी दी गई, नए कानून के एक अनुच्छेद के मुताबिक अभिभावक और रिश्तेदार अपने बच्चों को स्कूल खत्म होने के बाद काम पर लगा सकते हैं |
  • इसके अलावा ऐसे अनेकों मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है, अगर हमें सच्चे तौर पर बाल दिवस मनाना है तो फिर हमें इस बाल मजदूरी नामक अभीशाप को दूर करने में देश की सहायता करनी होगी, तभी मनेगा सच्चा बाल दिवस |




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