प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का रहस्य
- राजेश तथा आशीष दोनों में बडी गहरी मित्रता थी राजेश थोडे निर्धन परिवार से था तथा आशीष मध्यम वर्गीय परिवार से, आशीष सदैव ट्यूश्न पढता तथा राजेश अपने आप पढाई करता था, आशीष के अंक हमेशा राजेश से अच्छे आते थे, जब दोनों ने स्नातक की परीक्षा पास कर ली तब उन्होने विचार किया कि उन्हे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करनी चाहिये, क्योंकि आशीष मध्यम वर्गीय परिवार से था तो उसके पिताजी ने उससे कोचिंग सेंटर जाकर तैयारी करने को कहा,
- आशीष ने एक कोचिंग का चुनाव किया अभी पिछ्ले वर्ष ही तो उस कोचिंग के 100 से अधिक विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगी परिक्षाओं मे सफल हुए थे, आशीष को पूरा यकीन हो चला था कि अमुक कोचिंग अब उसका चयन करवा कर रहेगी, आशीष ने राजेश से भी कोचिंग के लिये पूछा परंतु राजेश का परिवार कोचिंग का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं था तो राजेश ने स्वयं ही तैयारी करने की ठानी, जहाँ एक ओर आशीष कोचिंग से तैयारी करने में जुट गया वहीं दूसरी ओर राजेश स्वयं तैयारी करने लगा, आशीष सभी फॉर्म भरता था तथा राजेश कुछ चुनिंदा फॉर्म ही भर पाता था, आशीष प्रतिदिन कोचिंग जाता था कोचिंग घर से काफी दूरी पर था उसे रोज़ 2 घंटे जाने तथा 2 घंटे आने में लग जाया करते थे, इसी प्रकार समय बीतता गया……
- साल भर हो चुका था दोनों को तैयारी करते हुए, कई परीक्षाओं के परिणाम प्रतिक्षित थे, धीरे धीरे वो दिन भी आया जिस दिन एक परीक्षा (जिसे दोनों ने दिया था) का अंतिम परिणाम घोषित होना था, आशीष आत्मविश्वास से सराबोर था क्युंकि उसकी कोचिंग से तो पिछले वर्ष अनेक छात्र इस परीक्षा में उत्त्तीर्ण हुए थे, उधर राजेश थोडे संशय में था कि ना जाने क्या परिणाम आयेगा, तभी उन्हे एक मित्र का फोन आया कि परिणाम आ चुका है आशीष ने तुरंत अपने लैपटॉप पर परिणाम वाली वेबसाइट खोल ली, दोनों की धडकनें बढ गयी थीं इस परिणाम पर उनका पूरा भविष्य निर्भर कर रहा था, जैसे ही परिणाम खुला आशीष ने अपना अनुक्रमांक उसमें डाला और ये क्या?? स्क्रीन पर “Not Found” लिखा हुआ आ रहा था
- आशीष ने सोचा शायद उसने गलत अनुक्रमांक लिख दिया है, उसने दोबारा अपने प्रवेश पत्र पर अंकित अनुक्रमांक डाला परंतु फिर से वही “Not Found”, आशीष का परिणाम देख कर राजेश व्यथित हो उठा था, उसे लगा कि जब आशीष जैसे होनहार का नाम नहीं है तो उसका तो कतई नहीं हो सकता, फिर भी मन को तसल्ली देने के लिये उसने थोडा सकुचाते हुए आशीष से दबी सी ज़बान मे कहा “यार एक बार मेरा भी परिणाम देख तो वैसे मुझे पता है कि रिजल्ट क्या है पर फिर भी” आशीष थोडा मुस्कुराया उसे यकीन था कि जब उसका नहीं आया तो राजेश का कैसे आ सकता है आज़ तक तो राजेश उससे आगे निकल नहीं पाया फिर मैंने तो इतनी अच्छी और महंगी वाली कोचिंग भी की है, और यही सोचते सोचते उसने राजेश का अनुक्रमांक डाला और नतीजा चौकाने वाला था , राजेश चयनित हो चुका था, सब हतप्रभ थे
- आशीष को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि ये हो क्या रहा है उसका चयन क्यों नहीं हुआ और राजेश का कैसे हो गया अनेकों सवाल उसके मन में उठ रहे थे पर वो एक का भी जवाब नहीं ढूढ पा रहा था आखिर किसे दोष दे कोचिंग को ? किस्मत को ? या अपने आप को ?, इधर राजेश के घर जश्न का माहौल था, राजेश खुश भी था और दुखी भी क्योंकि उसका चयन तो हो गया था परंतु उसके मित्र का नहीं हो पाया था, आशीष ने निश्चय किया कि वह कारण का पता लगायेगा तथा अपने अंदर सुधार करेगा ताकि अगली बार सफल हो सके !
- चलिये जानें आखिर क्या कारण था कि आशीष का चयन कोचिंग करने के बाद भी नहीं हुआ और राजेश का बिना किसी कोचिंग के
पहले विश्लेषण करते है कि आशीष असफल क्यों हुआ?
पहला कारण – आशीष का कोचिंग पर निर्भर होना
- निर्भरता उस बैसाखी की तरह है जो आपको उसके साथ चलने की आदत डाल देती है, और कहीं ना कहीं आपको कमजोर बना देती है, आशीष ने सोचा था कि कोचिंग उसे पास करवा देगी और वो पूर्णत उस पर निर्भर हो गया था उसने अपना मूल्यांकन स्वयं नहीं किया, सोचा कि सब कोचिंग करवा ही देगी, जबकि कोचिंग तो सिर्फ एक माध्यम भर है, आखिरकार पढना तो उसे ही था तैयारी तो उसी को करनी थी
दूसरा कारण- शायद गलत कोचिंग का चयन-
- कोचिंग का चयन करते समय अनेकों सावधानीयां बरतने की आवश्यकता होती है जैसे-
- कोचिंग के पिछ्ले वर्षों के परिणामों को परखना, अक्सर कोचिंग सेंटर चयनित छात्रों की संख्या बढा चढा कर बताते हैं, और तो और कई बार तो एक ही विद्यार्थी का नाम अनेकों कोचिंग इस्तेमाल करते हुए दिख जाया करते हैं,
- किसी लुभावने विज्ञापन के चक्कर में ना पडें, कोचिंग से पूर्व में चयनित छात्रों से मिलें और विस्तार पूर्वक चर्चा करें
- कोचिंग के अध्यापकों के बारे में अवश्य पूछ्ना चाहिये क्या उनका कभी चयन हुआ है, यदि हाँ तो कहाँ यदि नहीं तो ऐसे अध्यापक का क्या फायदा,
- कोचिंग की अध्ध्यन सामग्री पर एक नज़र डाल लें कि वो सही है कि नहीं कई कोचिंग संस्थानों की अध्ध्यन सामग्री में कुछ भी नहीं होता वो बस आपको लुभाने के लिये होती है, ऐसे प्रश्न पूछ्ते समय हिचकना नहीं चाहिये आखिरकार आप फीस दे रहे हैं
तीसरा कारण – फोकस की कमी
- आशीष किसी भी एक परीक्षा की तैयारी नहीं कर रहा था बल्कि अनेकों परिक्षाओं के फॉर्म भी भरता था और सभी की तैयारी भी करता था यदि वो किसी एक परीक्षा की तैयारी करता तो उसकी सफलता का प्रतिशत बढ जाता परंतु कुछ समय किसी परीक्षा तो कुछ समय किसी और परीक्षा की तैयारी करता रहा और किसी भी एक परीक्षा की तैयारी ठीक से नहीं कर पाया, सभी परीक्षाओं के पैटर्न अलग अलग होते हैं और तैयारी भी अलग अलग, आप जानते हैं कि यदि” सूर्य की किरणों को भी आप लैंस की सहायता से किसी एक जगह फोकस करें तो वो भी जला देती है”
चलिये अब विश्लेषण करते हैं राजेश की सफलता के कारणों का
पहला कारण -आत्मनिर्भर होना
- राजेश तैयारी के दौरान आत्मनिर्भर था वो किसी और पर निर्भर नहीं था कि कोई और उसकी तैयारी करायेगा या करवा देगा, उसने स्वयं पर ही भरोसा किया तथा परिक्षा के पैटर्न को समझ कर अच्छे से तैयारी की
दूसरा कारण- समय की बचत
- राजेश अपने कीमती वक्त को बर्बाद ना करते हुए उसका पूरा उपयोग किया जहाँ एक ओर आशीष प्रतिदिन 4 घंटे आने जाने में लगाता था राजेश उनका पूरा उपयोग करता था इस प्रकार राजेश के पास पूरे वर्ष में आशीष से 1460 घंटे अधिक समय था
तीसरा कारण- फोकस
- राजेश बहुत अधिक परीक्षाओं की तैयारी नहीं करता वह चुनिंदा फॉर्म ही भरता था और उसी परिक्षा की तैयारी भी करता था इस प्रकार उसके पास एक परीक्षा की तैयारी के लिये अधिक समय था
निष्कर्ष
- कोचिंग करें या ना करें ध्यान रखें कि करना सब आपको ही है कोचिंग या कोई अध्यापक आपको सिर्फ रास्ता दिखा सकता है, चलना तो आपको ही है किसी पर भी अत्याधिक निर्भरता आपको कमजोर बनाती है, आत्मनिर्भर रहें और कोचिंग का चुनाव सोच समझ कर करें , जहाँ एक ओर अच्छी कोचिंग का चुनाव आपको सफलता दिला सकता है वहीं गलत चुनाव आपको सफलता से दूर कर सकता है, प्रतियोगी परीक्षाओं मे समय की बडी अहमियत होती है उसका मूल्य पहचानें यदि आप किसी दूसरे शहर में जाकर कोचिंग करते हैं तो कोशिश करें कि कोचिंग के पास ही रहने की व्यवस्था भी कर लें ताकि आने जाने में आपका समय बर्बाद ना हो
और अंत में याद रखिये “आपकी सफलता सिर्फ आप पर निर्भर करती है और सिर्फ आप ही उसे अपने आप से दूर कर सकते हैं”
tags: how to prepare for ssc cgl
बहुत सुन्दर, सुनयोजित, शक्तिशाली और प्रेणनादायी लेख, हिन्दी ऑडियो नोट्स वाकई में बहुत अच्छा काम कर रहा है, इससे अनेक छाञ-छाञाओं को लाभ पहुॅचेगा
sir jisne bhi yaha website banai hai ya jisne bhi iska idea laya hai usko koti koti prnam thanku thanku thanku no word
sir bhut acchi website create ki hai or yaha bhut helpfull hai thanku thanku thanku no word bus itna hi
your website is very nice. and your
articles so best.
good afternoon and happy diwali.
यह website किसी भी व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने का बेहतर तरीका । मुझे लगता है कि इसके द्वारा मेरा ही नहीं बल्कि लाखो करोड़ो student को अछी तरह से पढाई करने में मददगर है । Thanks hindiaudionotes के लिए….
हमारा हौसला बढाने के लिये धन्यवाद 🙂
Bhut acha he sir…
Thanks bahut achi or motiv3tional h
Lkin kash me kuch wqt phle ise pdhta….
Thanks you very much with my heart .. very nice lines .
आपके चरण कहाँ है प्रभु?
very nice lines……. and Thanks you
Nice g
बहुत बहुत धन्यवाद। sir
Bahut bahut dhanywad.best motivational
वास्तव में हिंदी ऑडियो नोट्स बहुत अच्छा और अच्छा है
वेबसाइट के एडमिन – आपको कोटि कोटि प्रणाम !!! मै भी एक छोटा सा YouTuber hon.
Sir your segetion is most important. So I will follow your trips. Thanks
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THANK YOU MUJHE BHOT HI PRABHAVIT KIYA ES NOTS NE ………..
AB ME KHUD SE TYARI KR RAHA HU OR SAATH ME FULL TIME JOB V DEKHTEH HAI SAFALTA KESE NAHI MILTI HAI GF SE BRECKUP KR LIYA AB FOCUS ONLY EXAM PR …….PR SAMAJ YE NAHI AA RAHA HAI KIS EXAM KI TYARI KARU ME…….
PLZ GUID ME
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Very good story
Very Nice Article ir
aap kaha hai prabhu hamare devta
Suberbbbb
Sir ak question puchna that ssc cgl ma height kitni chaia Hoti hi please sir help me
SSC CGL Mein height Kitni chahie hoti hai