विभिन्न प्रकार की खेतियां के नाम (Various types of cultivation names)
1 | एरोपोनिक (Aeroponic) | पौधों को हवा में उगाना |
2 | हॉर्टिकल्चर (Horticulture) | बागवानी |
3 | ओलेरीकल्चर (Olericulture) | सब्जी विज्ञान |
4 | विटीकल्चर (Viticulture) | अंगूर की खेती |
5 | पिसीकल्चर (Pisciculture) | मत्स्यपालन |
6 | मोरीकल्चर (Moriculture) | रेशम कीट हेतु शहतूत उगाना |
7 | एपीकल्चर (Apiculture) | मधुमक्खी पालन |
8 | फ्लोरीकल्चर (Floriculture) | फूल विज्ञान |
9 | पोमोलॉजी (Pomology) | फल विज्ञान |
10 | वर्मीकल्चर (Vermiculture) | केंचुआ पालन |
11 | सेरीकल्चर (Sericulture) | रेशम उद्योग |
हाइड्रोपोनिक्स क्या है?
केवल पानी में या बालू अथवा कंकड़ों के बीच नियंत्रित जलवायु में बिना मिट्टी के पौधे उगाने की तकनीक को हाइड्रोपोनिक कहते हैं। हाइड्रोपोनिक शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों ‘हाइड्रो’ (Hydro) तथा ‘पोनोस (Ponos) से मिलकर हुई है। हाइड्रो का मतलब है पानी, जबकि पोनोस का अर्थ है कार्य।
हाइड्रोपोनिक्स में पौधों और चारे वाली फसलों को नियंत्रित परिस्थितियों में 15 से 30 डिग्री सेल्सियस ताप पर लगभग 80 से 85 प्रतिशत आर्द्रता में उगाया जाता है।
सामान्यतया पेड़-पौधे अपने आवश्यक पोषक तत्व जमीन से लेते हैं, लेकिन हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में पौधों के लिये आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिये पौधों में एक विशेष प्रकार का घोल डाला जाता है। इस घोल में पौधों की बढ़वार के लिये आवश्यक खनिज एवं पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। पानी, कंकड़ों या बालू आदि में उगाए जाने वाले पौधों में इस घोल की महीने में दो-एक बार केवल कुछ बूँदें ही डाली जाती हैं। इस घोल में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, मैग्नीशियम, कैल्शियम, सल्फर, जिंक और आयरन आदि तत्वों को एक खास अनुपात में मिलाया जाता है, ताकि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहें।