जीवाणु जनित पशु रोग (Bacterial animal disease)
क्र.स. | रोग | प्रभावित पशु | रोग कारक | रोग के लक्षण | बचाव और चिकित्सा |
1 | तितली ज्वर एवं गिल्टी रोग | गौ-पशु, भेड़, बकरी, घोड़े, खच्चर, सूअर एवं कुत्ता | बैसिलस एंथ्रेसिस | अतितीव्र-प्रायः भेड़ में अचानक मृत्यु, मुंह, नाक, गुदा एवं भग द्वार से झाग युक्त काला रुधिर स्त्राव, मांसपेशियों में कंपन, दांत किटकिटाना, आंखों का घूमना, सांस लेने में कठिनाई | एंटी एन्थैक्स सीरम, एन्थ्रैक्स स्पोर वैक्सीन, इंट्राडरमिक स्पोरवैक्सीन, एन्थ्रैक्स बैसिलस वैक्सीन
एंटी एन्थैक्स सीरम-अंतशिरा विधि से जीवाणुनाशक जैसे-पैनिसिलिन, टेरामाइसीन, आरियोमाइसीन |
2 | जोहनीस रोग | गौ-पशु, भेड़, बकरी | माइक्रोबैक्टीरि
पैराट्यूबरकुलोसिस |
रोग का ऊष्मायनकाल2-6वर्ष, कमजोरी, बदबूदार गैस के बुलबुले युक्त दस्त, मृत्यु, यह प्राय: पशुओं के झुंडों में दिखाई पड़ता है | जोहनीस रोग के जीवित दंडाणुओं से निर्मित टीके लेनोलिन में घोलकर अधोत्वचा |
3 | गलघोटू, शिपिंग ज्वर,पाश्चरेलोसिस, घुर्रका, एच.एस. | गौ-पशु, भैंस, वन्य रोमान्थी, भेड़, बकरियां एवं सूअर | पाश्चुरेला मल्टोसीडा | अति तीव्र 10-24 घंटों में मृत्यु, तीव्र श्वास में कष्ट, तीव्र ज्वर से सिर, ग्रीवा, गला,ड्यूलप और वक्ष में अधोत्वचीय शोध के कारण सूजन, श्वसन में विशिष्ट घुर्र-धुर्र की ध्वनि एवं मृत्यु | एच.एस.ब्राथ वैक्सीन, एच.एस.अगर ब्राथ वैक्सीन एच.एस.आयल एडजुबैन्ट वैक्सीन
सल्फा मैथाजीन, स्ट्रैपटोमाइसीन, पेनिसिलीन, ट्राइसाइक्लीन्स और क्लोर एम्फेनिकाल |
4 | मैमाइटिन संक्रमण, थनैला रोग | गौ-पशु, भैंस, बकरी, भेड़, सूअर, एवं घोड़ा (सभी मादा) | स्ट्रैप्टोकोकस पायोजेनिस, स्ट्रैफाइलोकोकस आरियस, स्ट्रैप्टोकोकस एग्लैक्सीआदि | फाइब्रिन के थक्के, दूध के रंग में परिवर्तन,अयन गर्म होना व सूजन, सूजन, कठोरता, कभी-कभी बुखार आना, दोहन में रोगी को कष्ट एवं थन का बेकार होना | कोई भी टीका उपलब्ध नहीं है ग्राम धनात्मक जीवाणुओं के लिए पेनिसिलिन तथा ऋणात्मक के लिए स्ट्रेप्टोमाइसन, ओरियोमाइसन, टेरामाइसिन और सल्फा औषधियां |
5 | क्षय रोग | स्तनधारी | माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस | रोगी पशु में कमजोरी, भोजन के प्रति अरुचि, दुर्बलता का निरंतर बढ़ना, ज्वर, लसन ग्रंथियों में सूजन, पाचन विकार, श्वसन विकार, गर्भपात एवं बांझपन, मस्तिष्कावरण शोथ, दूध उत्पादन रुकना | बी.सी.जी.
आर्थिक दृष्टिकोण के आधार पर सिफारिश नहीं की जाती |