प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 2019 | PM Kisan Samman Nidhi Yojana in Hindi)
- केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में किसानों के लिए बड़ा एलान किया है।
- सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की है।
- पीएम किसान आय सहायता योजना के लिए 75 हजार करोड़ का बजट सरकार दे रही है, इससे 12 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा.
- किसानों के लाभ के लिए बजट 2019 में किसानों को सरकार ने 6000 सालाना आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, इस योजना में 100% खर्च केन्द्रीय सरकार करेगी |
- यह पैसे किसानों के बैंक में डायरेक्ट ट्रान्सफर किये जायेंगें. इसके लिए किसानों को यहाँ वहां भटकना नहीं होगा. योग्य, रजिस्टर किसानों के बैंक खाते में सरकार सीधे पैसे डालेगी.
- गोयल जी ने बजट के दौरान जानकारी देते हुए बताया है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना 1 दिसंबर 2018 से लागू रहेगी।
- जो किसान समय पर अपना ऋण चुका रहे हैं, उन्हें सरकार पुरुस्कृत करके सम्मानित करेगी. ताकि बाकि किसान भी समय में ऋण चुकाने के लिए प्रोत्साहित हों.
- यह 6000 रूपए किसानों को 3 चरण में मिलेंगें. हर चरण में 2000 रूपए दिए जायेंगें,
- योजना के अंतर्गत मिलने वाली पहली किश्त (2000 रूपए) 31 मार्च 2019 तक सभी पात्र किसानों को मिल जाएगी
किसे मिलेगा लाभ ? (Farmers Income Support Scheme Eligibility Criteria)
- योजना में भारत के निवासी को ही लाभ मिलेगा. भारत में रहने वाले किसी भी प्रदेश के किसान को इसका लाभ मिलेगा.
- जिसके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम की खेती वाली जमीन है, उसी किसान को इसका लाभ मिलेगा. इससे अधिक जमीन रखने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा |
- किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए, बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है. जिसके पास नहीं होगा, उसे योजना का लाभ लेने के लिए पहले बैंक में अकाउंट खुलवाना होगा.
योजना की मुख्य बातें
- सरकार ने फसलों का एमएसपी लागत डेढ़ गुना करने की घोषणा की है।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को मंजूरी के अंतर्गत 2 हेक्टेयर तक की जमीन वाले किसान को हर साल 6 हजार रुपये मिलेंगे।
- किसानों के खाते में 3 किस्तों में पैसे जाएंगे।
- इसका फायदा देश के 12 करोड़ किसानों को मिलेगा।
- 1 दिसंबर 2018 से यह योजना पूरे देश में लागू होगी।
- किसान निधि के लिए 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
- 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने के लक्ष्य है।
- पहली किस्त अगले महीने की 31 तारीख तक किसानों के खातों में डाल दी जाएगी।
प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की एक पहल है जिसमें १२ करोड़ छोटे और सीमान्त किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि है, उन्हें न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष ६ हजार रूपए तक मिलेगा। 1 फरवरी 2019 को भारत के 2019 अन्तरिम केंद्रीय बजट के दौरान पीयूष गोयल द्वारा इस पहल की घोषणा की गई थी। इस योजना की लागत प्रति वर्ष 75,000 करोड़ रूपए होगी और यह दिसम्बर 2018 से लागू होगी। ₹ 6,000 प्रति वर्ष प्रत्येक पात्र किसान को तीन किश्तों में भुगतान किया जाएगा और सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जाएगा।
योजना की शुरुआत वर्ष 2018 के रबी सीजन से की गई है। सरकार ने इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये अग्रिम बजटीय प्रावधान करा लिया है जबकि योजना पर सालाना खर्च 75 हजार करोड़ रुपये आने का अनुमान है। छोटे किसानों के लिए योजना अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होने वाली है। बुवाई से ठीक पहले नगदी संकट से जूझने वाले किसानों को इस नगदी से बीज, खाद और अन्य इनपुट की उपलब्धता में सहूलियत मिल जाएगी। इन छोटे किसानों में ज्यादातर सीमान्त हैं, जिनका खेती से पेट भरना मुश्किल है।
इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर खेती वाली जमीन से कम रकबा वाले किसानों को दिए जाने का प्रावधान है। राज्य सरकारें ऐसे किसानों की जोत के साथ उनके बैंक खाते और अन्य ब्यौरा केंद्र सरकार को मुहैया कराएंगी। उसकी पुष्टि के बाद केन्द्र सरकार ऐसे किसानों के बैंक खातों में सीधे धन जमा कराएगी। योजना की सफलता में डिजिटल प्रणाली की भूमिका अहम साबित हो रही है।
Hamare yaha es tarh ki koi jankari nahi the kisi adhikari ne na hi koi document mange
31 मई को मोदी कैबिनेट की पहली बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि क्षेत्र पर प्रधानमंत्री का बहुत ध्यान है। किसानों की आय दोगुनी करने की कोशिश जारी है। अब तक 3 करोड़ किसानों तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की रकम पहुंच चुकी है। दरअसल, साल 2014 में पहली बार सरकार बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों के मसलों को सबसे ऊपर रखा था। जब कांग्रेस हर जगह कृषि कर्जमाफी का वादा कर रही थी तो मोदी सरकार किसानों की आय बढ़ाने की योजनाओं पर काम कर रही थी, ताकि वे ऐसे बन जाएं कि उन्हें कर्जमाफी की जरूरत न पड़े। साथ ही किसान सम्मान निधि के तहत सालाना 6000 रुपए नगद देने की योजना शुरू की और उसे बहुत तेजी से लागू करवा दिया।