भारतनेट परियोजना
- भारत सरकार के भारतनेट प्रोजेक्ट का उद्देश्य सभी गांवो को ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से उच्च गति ब्रॉडबैंड कनेक्शन से जोड़ना है।
- भारतनेट प्रोजेक्ट चरण 1 के अंतर्गत अंडरग्राउंड ऑप्टिक फाइबर केबल लाइनों के माध्यम से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को एक लाख ग्राम पंचायतों तक उपलब्ध करने का कार्य 2017 में पूरा कर लिया गया है ।
- भारतनेट प्रोजेक्ट चरण 2 के अन्तर्गत भूमिगत फाइबर, पावर लाइनों, रेडियो और उपग्रह मीडिया पर फाइबर के इष्टतम मिश्रण का उपयोग करके शेष 1.5 लाख ग्राम पंचायतों को 31 मार्च 2019 तक कनेक्टिविटी प्रदान करने का लक्ष्य था।
- चरण-2 के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिये , बिजली के ध्रुवों/खंभों पर ऑप्टिक फाइबर केबल को भी लगाया गया है।
- सरकार ने चरण-2 में तीन मॉडलों, राज्य सरकार मॉडल, निजी क्षेत्र मॉडल, सार्वजनिक प्रतिष्ठान मॉडल के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
- भारतनेट प्रोजेक्ट परियोजना का तीसरा चरण वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक पूर्ण होना है।
- तीसरा चरण में अत्याधुनिक, फ्यूचर प्रूफ नेटवर्क, ज़िलों एवं ब्लॉकस के बीच फाइबर समेत, अवरोध को समाप्त करने के लिये नेटवर्क को रिंग टोपोलॉजी के आधार पर स्थापित किया जाना है।
- इस परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर पहुँचाना जहाँ संभव नहीं हो, वहाँ वायरलैस एवं सैटेलाइट नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा।
- भारत नेट परियोजना के तहत स्कूलों, स्वास्थ्य केन्द्रों को इंटरनेट कनेक्शन निशुल्क प्रदान किये जायंगे।
- इस परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड की गति 2 से 20 mbps तक होगी।
- भारतनेट परियोजना संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- संपूर्ण देश भर में ब्रॉडबैंड संवाओं की सार्वभौमिक और समान पहुँच के लिए सरकार ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन को शुरू किया है।
ऑप्टिकल फाइबर
- ऑप्टिकल फाइबर मुख्यत: सिलिका से बनी पतली बेलनाकार तार होती है।
- ऑप्टिकल फाइबर प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करती हैं।
- ऑप्टिकल फाइबर में प्रकाश का उपयोग कर डाटा का ट्रांसफर बहुत ही तेजी से कर सकते हैं
- ऑप्टिकल फाइबर में बिजली का संचार नहीं बल्कि प्रकाश का संचार होता है। अतः इनमें प्रकाश के रूप में जानकारी का प्रवाह होता है।
- ऑप्टिकल फाइबर में जहाँ डेटा को रिसीव किया जाता है वहाँ एक ट्रांसमीटर लगा होता है।
- यह ट्रांसमीटर इलेक्ट्रॉनिक पल्स इनफार्मेशन को सुलझाता है तथा इसको प्रोसेस करके लाइट पल्स के रूप में ऑप्टिकल फाइबर लाइन में ट्रांसमिट कर देता है।