जी-20

  • 1997 के पहले एशियाई संकट के बाद दुनिया के कई देशों ने इसकी ज़रूरत महसूस की।
  • यह एक मंत्रिस्तरीय मंच है जिसे G7 द्वारा विकसित एवं विकासशील दोनों अर्थव्यवस्थाओं के सहयोग से स्थापित किया गया था।
  • G–20 का गठन सितंबर 1999 में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिहाज़ से किया गया था।
  • G–20 (वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स का समूह) , जो कि विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रीयों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स का एक संगठन है।
  • वर्ष 1999 से वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों का सम्मेलन आयोजित किया जाता है।
  • G-20 समिट में सदस्य देशों के प्रमुखों के साथ वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स की भी बैठक होती है। इस बैठक में मुख्य रूप से आर्थिक विषयों पर चर्चा होती है।
  • वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के दौरान दुनिया ने उच्चतम राजनीतिक स्तर पर एक नई सर्वसम्मति की आवश्यकता को महसूस किया। इसके परिणामस्वरूप यह निश्चय किया गया कि वर्ष में एक बार G20 राष्ट्रों के नेताओं की बैठक की जाएगी।
  • G20 राष्ट्रों के वित्त मंत्री एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नर वर्ष में दो बार बैठक करते हैं जिसमें विश्व बैंक एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रतिनिधि भी भाग लेते हैं।
  • G-20 बीस देशों का एक समूह है, जिसकी बैठक हर साल अलग-अलग देशों में आयोजित की जाती है।
  • G–20 ब्रेटन वुड्स संस्थागत प्रणाली की रूपरेखा के भीतर आने वाले अहम् देशों के बीच अनौपचारिक बातचीत और सहयोग को बढ़ावा देने का काम भी करता है।
  • G20 समूह विश्व बैंक एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रतिनिधि, यूरोपियन यूनियन एवं 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह है।
  • G20 समूह दुनिया की प्रमुख उन्नत और उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों को एक साथ लाता है। यह वैश्विक व्यापार का 75%, वैश्विक निवेश का 85%, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85% तथा विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है।

जी-20 के सदस्य

  • जी20 में 19 देश और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं।
  • 19 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका शामिल हैं।

कार्य

  • G20 के सदस्य दो ट्रैक्स पर काम करते हैं-
  • फाइनेंस ट्रैक- G20 समूह के वित्त मंत्री एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नर और उनके प्रतिनिधियों के साथ सभी बैठकों में वित्तीय विनियमन, राजकोषीय मुद्दे एवं मुद्रा पर केंद्रित होता है।
  • शेरपा ट्रैक- राजनीतिक जुड़ाव, भ्रष्टाचार का विरोध, विकास, ऊर्जा आदि जैसे व्यापक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • G20 समूह का अध्यक्ष पद सदस्य देशों के मध्य वार्षिक तौर पर एक प्रक्रिया के तहत रोटेट होता रहता है जो समय के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन सुनिश्चित करता है।
  • ट्रोइका- प्रत्येक वर्ष जब एक सदस्य देश अध्यक्ष पद ग्रहण करता है तो वह देश पिछले वर्ष के अध्यक्ष देश एवं अगले वर्ष के अध्यक्ष देश के साथ समन्वय स्थापित करके कार्य करता है और इस प्रक्रिया को ही सामूहिक रूप से ट्रोइका कहते है। यह समूह के एजेंडे की अनुकूलता एवं निरंतरता को सुनिश्चित करता है।

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