E-20 ईंधन
- यह वाहनों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन है।
- इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे वाहनों से होने वाले जहरीली गैसो के उत्सर्जन में कमी आएगी और इससे प्रदूषण कम होगा।
- E20 ईंधन, गैसोलीन और इथेनॉल (20%) का मिश्रण होता है।
- यह आर्थिक रूप से भी भारत के लिए लाभदायक है।
- इससे भारत के तेल आयात में कमी आएगी और जिससे विदेशी मुद्रा की बचत और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
- वर्तमान में इथेनॉल सम्मिश्रण का मान्य स्तर 10% है, यद्यपि भारत वर्ष केवल 5.6% सम्मिश्रण स्तर तक ही पहुँच पाया है।
- इससे कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन आदि के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।
- यह एक हरित ईंधन का उदाहरण है।
इथेनॉल
- इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
- यह बायो-फ्यूल और बायोमास का एक बाई-प्रोडक्ट है, इसे मक्की, गन्ना और आलू इत्यादि से प्राप्त किया जा सकता है।
- इथेनॉल कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन और सल्फर डाइऑक्साइड को भी कम करता है.
- एथेनॉल हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को भी कम करता है
- एथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन होता है
- एथेनॉल फ्यूल को इस्तेमाल करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है.
- इथेनॉल को अलग-अलग प्रकार के मिश्रण उत्पाद बनाने के लिये गैसोलीन के साथ मिश्रित किया जाता है।
- इथेनॉल एक अस्थिर, ज्वलनशील और एक रंगहीन तरल पदार्थ है।
- इथेनॉल का उपयोग मादक पेय के एक सक्रिय घटक के रूप में भी किया जाता है।
- इथेनॉल का उपयोग एंटीसेप्टिक और कीटाणुनाशक के रूप में भी किया जाता है।
गैसोलीन
- गैसोलीन एक तरल ईंधन है जिसका उपयोग हम मुख्य रूप से स्पार्क-प्रज्वलित आंतरिक दहन इंजन में करते हैं।
- इसे आम भाषा में पेट्रोल भी कहा जाता है, यह एक स्पष्ट पेट्रोलियम-व्युत्पन्न ज्वलनशील तरल है।
- गैसोलीन एक हल्का हाइड्रोकार्बन मिश्रण है जो प्रति अणु में C4 से C12 परमाणुओं तक होता है।
- इसका उपयोग आमतौर पर ईंधन के रूप में किया जाता है।
NOTE-सरकार ने 2022 तक पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का और 2030 तक 20 प्रतिशत सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है।