केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(CPCB)

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(CPCB) का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत 22 सितंबर 1974 को किया गया है।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(CPCB) को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गए।
  • CPCB के अध्यक्ष श्री शिव दास मीणा है।
  • यह बोर्ड पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।

कार्य

  • जल एवं वायु प्रदूषण के नियंत्रण एवं निवारण तथा वायु गुणवत्ता में सुधार से संबंधित किसी भी मामले पर केंद्र सरकार को सलाह देना।
  • राज्य बोर्डों की गतिविधियों के बीच समन्वय स्थापित करना और उनके बीच मतभेदों को सुलझाना
  • जल एवं वायु प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण और इसमें कमी हेतु एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के लिये योजना बनाना एवं उसका संचालन करना।

राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तहत सार्वजनिक सूचना के लिए राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (National Air Quality Index – AQI) जारी किया जाता है।
  • राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक में निम्नलिखित आठ प्रदूषकों को शामिल किया गया है-
  • PM 2.5, PM10, अमोनिया, लेड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओज़ोन और कार्बन मोनोऑक्साइड
  • भारत सरकार वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली पर वायु गुणवत्ता स्तर का मापन करती है।
  • गुणवत्ता स्तर का मापन 1 से लेकर 500 अंकों तक हवा की गुणवत्ता का आकलन कर किया जाता है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक के मानक

  • शुरुआती 100 अंकों को ‘अच्छा’ (Good) माना जाता है।
  • जैसे-जैसे अंक बढ़ते जाते हैं, हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ होती जाती है।
  • 100 से 200 तक के वायु स्तर को ‘ठीक-ठाक’ (Average) की श्रेणी में रखा जाता है।
  • 200 से 300 तक के वायु स्तर को ‘खराब’ (Poor) माना जाता है।
  • 300 से 400 तक के वायु स्तर को ‘बहुत खराब’ (Very Poor) माना जाता है।
  • 400 से 500 तक के वायु स्तर को ‘खतरनाक’ (Severe) माना जाता है।

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