सौभाग्य योजना
- सौभाग्य योजना की घोषणा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस के दिन की गयी
- प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना यानी सौभाग्य योजना को 25 सितंबर साल 2017 को लागू किया गया था।
- सौभाग्य योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में घरेलू विद्युतीकरण सुनिश्चित करने के लिये किया गया था।
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार से 60% अनुदान राज्यों को दिया गया, जबकि राज्यों ने अपने कोष से 10% धन खर्च किया और शेष 30% राशि बैंकों ने बतौर ऋण के रूप में प्रदान की।
- विशेष राज्यों के लिये केंद्र सरकार द्वारा योजना का 85% अनुदान दिया गया, जबकि राज्यों को अपने पास से केवल 5% धन ही लगाना था और शेष 10% राशि बैंकों ने बतौर ऋण के रूप में प्रदान की।
- ऐसे सभी चार करोड़ निर्धन परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान किया गया जिनके पास उस वक्त कनेक्शन नहीं था।
- इस योजना का लाभ गाँव के साथ-साथ शहर के लोगों को भी प्रदान किया गया।
- देश के जिन इलाके में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है,वहां इस योजना द्वारा बैटरी सहित 200 से 300 वाट क्षमता का सोलर पावर पैक दिया गया, जिसमें हर घर के लिये 5 LED बल्ब, एक पंखा भी शामिल था।
- सरकार बिजली के इन उपकरणों की देख-रेख 5 सालों तक अपने खर्च पर करेगी।
- इस योजना के तहत बिजली कनेक्शन के लिये 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना को आधार माना गया था।
- जो लोग 2011 जनगणना में शामिल नहीं थे, उन्हें 500 रुपए में कनेक्शन दिया गया और इसे 10 किश्तों में वसूला जाएगा।
- सभी घरों को बिजली पहुँचाने के लिये प्री-पेड मॉडल अपनाया गया था।
- बिजली कनेक्टिविटी के लिए सरकार ने सौभाग्य योजना के अलावा भी कई अन्य योजनाएं चला रखी हैं इसमें दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, पीएम कुसुम, एकीकृत विद्युत विकास योजना, उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (UDAY) आदि।