संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC)
- संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council-UNHRC), संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के अंतर्गत एक अंतरसरकारी निकाय है।
- UNHRC विश्व भर में मानवाधिकार के संवर्द्धन और संरक्षण को मज़बूटी प्रदान करने के लिये उत्तरदायी है।
गठन
- इसका गठन वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 15 मार्च, 2006 को संकल्प 60/251 के माध्यम से किया गया था।
- UNHRC ने पूर्ववर्ती संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग का स्थान लिया।
- यह दुनियाभर में मानव अधिकारों के प्रचार और संरक्षण को मजबूत बनाने और मानवाधिकार उल्लंघन की स्थितियों को संबोधित करने तथा उन पर सिफ़ारिश करने के लिए जिम्मेदार है।
- संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय मानव अधिकार परिषद के सचिवालय के रूप में कार्य करता है।
- यूएन मानवाधिकार परिषद का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।
UNHRC के सदस्य
- यूएन मानवाधिकार परिषद 47 सदस्यों से मिलकर बनी है, इन सदस्यों का चयन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा बहुमत के आधार पर प्रत्यक्ष और गुप्त मतदान के माध्यम से किया जाता है।
- महासभा द्वारा सदस्यों के चयन के मामले में मानवाधिकारों के संवर्धन और संरक्षण में उम्मीदवारों राज्यों के योगदान के साथ-साथ इस संबंध में उनकी स्वैच्छिक प्रतिज्ञाओं और प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखा जाता है।
- मानवाधिकार परिषद की सदस्यता में समान भौगोलिक वितरण का भी ध्यान रखा जाता है। इसकी सीटों का वितरण निम्नलिखित प्रकार से किया गया है:
- अफ्रीका महाद्वीप से : 13 सदस्य
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र से : 13 सदस्य
- लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन क्षेत्र से : 8 सदस्य
- पूर्वी यूरोपीय देशों से : 6 सदस्य
- पश्चिमी यूरोप और अन्य देशों से : 7 सदस्य
- परिषद के सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है और लगातार दो कार्यकाल की सेवा के बाद कोई भी सदस्य तत्काल पुन: चुनाव के लिये पात्र नहीं होता है।
कार्यप्रणाली
- सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा-सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा(Universal Periodic Review- UPR) यूपीआर सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों में मानवाधिकार स्थितियों का आकलन का कार्य करता है।
- सलाहकार समिति-यह परिषद के “थिंक टैंक” के रूप में कार्य करता है जो इसे विषयगत मानवाधिकार मुद्दों पर विशेषज्ञता और सलाह प्रदान करता है।
- शिकायत प्रक्रिया- यह लोगों और संगठनों को मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े मामलों को परिषद के ध्यान में लाने की अनुमति देता है।
- संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रक्रिया- ये विशेष प्रतिवेदक, विशेष प्रतिनिधियों, स्वतंत्र विशेषज्ञों और कार्य समूहों से बने होते हैं जो विशिष्ट देशों में विषयगत मुद्दों या मानव अधिकारों की स्थितियों की निगरानी, जाँच करने, सलाह देने और सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट करने का कार्य करते हैं।
विशेष
- भारत को 1 जनवरी, 2019 को तीन वर्षों की अवधि के लिये परिषद में चुना गया था।
- विश्व भर में प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस का आयोजन किया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसंबर वर्ष 1948 में मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) को अपनाया था।