जीवन परिचय
- डॉ ज़ाकिर हुसैन का जन्म 8 फरवरी 1897 को हैदराबाद में हुआ।
- इनके पिता का नाम फिदा हुसैन और माता का नाम नाज़नीन बेगम था।
- डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी अबुल कलाम आजाद और मोहम्मद अली के संपर्क में आए एवं जल्द ही स्वतंत्र आंदोलन में कूद पड़े।
- 1920 में गांधी जी के द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए इन्होंने कॉलेज के बहिष्कार का फैसला लिया।
- कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा डॉ ज़ाकिर हुसैन को बहिष्कार नहीं करने के लिए उप जिलाधीश पद का लालच दिया।
- अपने भविष्य की चिंता नहीं करते हुए डॉ ज़ाकिर हुसैन ने ब्रिटिश शिक्षण संस्थानों का बहिष्कार किया
- ब्रिटिश शिक्षण संस्थान के विकल्प में एक राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान के रूप में अलीगढ़ में जामिया मिलिया की स्थापना भी की।
- इस संस्थान की स्थापना में उन्हें डॉ. हकीम अजमल खान, डॉ. अंसारी और मौलाना मोहम्मद अली के अलावा अन्य प्रमुख हस्तियों से भी सहयोग मिला।
- डॉ॰ जाकिर हुसैन उच्च शिक्षा के लिए जर्मनी गए थे परन्तु जल्द ही वे भारत लौट आये।
- डॉ ज़ाकिर हुसैन के जर्मनी जाने पर उन्हें यह सूचना मिली कि जामिया को आर्थिक संकट की वजह से बंद किए जाने का फैसला किया गया है।
- जर्मनी से लौटकर उन्होंने गांधीजी के सलाह से उन्होंने जामिया को दिल्ली हस्तांतरित किया एवं जामिया मिलिया इस्लामिया को अपना शैक्षणिक और प्रशासनिक नेतृत्व प्रदान किया।
- इसके साथ ही मात्र 29 बरस की आयु में डॉ ज़ाकिर हुसैन जामिया के कुलपति बने।
- उन्होंने गांधीजी की बुनियादी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए सातवीं तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का बंदोबस्त किया।
- इसके साथ ही उन्होंने हस्तकला और व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया ।
- एक आदर्श शिक्षक के रूप में डॉ. ज़ाकिर हुसैन ने महात्मा गांधी और हाकिम अजमल खान के आदर्शों को प्रचारित किया एवं देश के कई शैक्षिक सुधार आंदोलन में अपना सक्रिय योगदान दिया।
- डॉ॰ जाकिर हुसैन को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अपने कार्यकाल के अन्त में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था।
- वे वर्ष 1956 में भारतीय संसद के सदस्य बन गये।
- 1956-58 में वह संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति संगठन (यूनेस्को) की कार्यकारी समिति में रहे।
- 1954 मे डॉ हुसैन को पदम विभूषण से सम्मानित किया गया।
- इसके साथ ही वे बिहार के राज्यपाल बने।
- डॉ॰ जाकिर हुसैन 1962 में पाँच वर्ष की अवधि के लिए देश के दूसरे उप-राष्ट्रपति चुने गए
- उनके अतुलनीय योगदान के कारण 1963 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से विभूषित किया गया।
- 1967 में उन्हें देश के तीसरे और प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
- एक सशक्त भारत की बुनियाद रखने में योगदान देने वाले इस महान आत्मा ने 3 मई 1969 को दिल के दौरे के कारण सदा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया।