आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग(EWS) आरक्षण

  • संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में सिर्फ सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों के लिये ही आरक्षण की बात कही गई है।
  • संविधान में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं है।
  • सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण देने के लिए सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन किया है।
  • आरक्षण देने के लिये केंद्र सरकार को संविधान के इसी अनुच्छेद में आर्थिक शब्द को जोड़ने की ज़रूरत पड़ी  और जिसके बाद सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10% का आरक्षण कानून बन सका।
  • 10% EWS कोटा 103वां संविधान (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करके पेश किया गया था।
  • EWS कोटा संविधान में संशोधन करके अनुच्छेद 15 (6) और अनुच्छेद 16 (6) सम्मिलित किया गया।
  • यह आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों (EWS) हेतु शिक्षा संस्थानों में नौकरियों और प्रवेश में आर्थिक आरक्षण के लिये है।
  • यह अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) के लिये 50% आरक्षण नीति द्वारा कवर नहीं किये गए आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के कल्याण को बढ़ावा देने हेतु अधिनियमित किया गया था।
  • यह केंद्र और राज्यों दोनों को समाज के EWS को आरक्षण प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
  • केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10% आरक्षण कोटा पेश किया है ।
  • राज्यों को ये अधिकार होगा कि वे इस आरक्षण के लिए अपना अलग आर्थिक मानदंड तय कर सकते हैं।

EWS आरक्षण का उद्देश्य

  • EWS आरक्षण देने का उद्देश्य केंद्र और राज्य में शिक्षा के क्षेत्र, सरकारी नौकरियों, चुनाव और कल्याणकारी योजनाओं में हर वर्ग की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है ताकि समाज के हर वर्ग को आगे आने का मौका मिले।

EWS आरक्षण के नियम 

  • 10% EWS आरक्षण केवल जनरल श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए है।
  • आरक्षण का लाभ उन लोगो को ही मिलेगा जिनके परिवार की सालाना आय आठ लाख रुपए से कम हो।
  • EWS के तहत आरक्षण का लाभ लेने के लिए, आपके परिवार के पास 5 एकड़ या उससे अधिक आकार की कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए।
  • EWSआरक्षण का लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनका मकान एक हजार वर्ग फीट से कम में बना हो।
  • यदि मकान अधिसूचित नगरपालिका में है तो 100 गज़ और गैरअधिसूचित नगरपालिका वाले इलाके में है तो 200 गज़ से कम होना चाहिए।

विशेष

  • मौजूदा कानून के तहत कुल 49.5 फीसद आरक्षण की व्यवस्था है। इसमें अनुसूचित जाति को 15 फीसद, अनुसूचित जनजाति को 7.5 फीसद और अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद आरक्षण दिया जाता है।

हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने (SC) ने सार्वजनिक नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10% कोटा प्रदान करने के लिये आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की पहचान करने हेतु वार्षिक आय सीमा के रूप में 8 लाख रुपए तय करने में सरकार द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है।

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