‘महारत्न’ का दर्जा
- महारत्न’ व्यवस्था की शुरुआत वर्ष 2010 में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े उद्यमों को वैश्विक दिग्गज बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
- ‘केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ का आशय उन कंपनियों से है, जिनमें केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी 51% या उससे अधिक होती है।
- ‘महारत्न’ का दर्जा उस कंपनी को दिया जाता है जिसने लगातार बीते तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का शुद्ध लाभ प्राप्त किया है।
- बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक कारोबार 25,000 करोड़ रुपए राह हो।
- बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक शुद्ध मूल्य 15,000 करोड़ रुपए है।
- केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ के लिये भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने हेतु ‘नवरत्न’ का दर्जा प्राप्त करना अनिवार्य है।
- सरकार ने ‘केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ को महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न का दर्जा देने के लिये मानदंड निर्धारित किये हैं।
भारत में महारत्न PSUs की संख्या
- भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
- भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- कोल इंडिया लिमिटेड
- गेल इंडिया लिमिटेड
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- इंडियन आयल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया
- राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड
- ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड
- पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
- ‘पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन’