कौन संस्थाएँ परंपरागत, परमाणु, जैविक व रासायनिक हथियारों तथा प्रौद्योगिकी के निर्यात को नियंत्रित करती हैं?
परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह(NSG)
- परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) की स्थापना मई 1974 में हुई थी ।
- भारत के पहले परमाणु परीक्षण के जवाब में एनएसजी की स्थापना हुई ।
- उसी वर्ष नवंबर में एनएसजी के सदस्य देशों की पहली बैठक हुई।
- एनएसजी में अमरीका,रूस,फ्रांस और चीन समेत 48 देश सदस्य हैं।
- एनएसजी का मकसद परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकना है ।
- एनएसजी सदस्य के लिए परमाणु अप्रसार संधि(NPT) पर हस्ताक्षर करना जरूरी हैं।
- भारत ने अब तक एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR)
- अप्रैल 1987 में जी-7 देशों सहित 12 विकसित देशों ने मिलकर आणविक हथियार से युक्त प्रक्षेपास्त्रों के प्रसार को रोकने के लिये एक समझौता किया था, जिसे एमटीसीआर कहते हैं।
- स्वैच्छिक एमटीसीआर का उद्देश्य बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र तथा अन्य मानव रहित आपूर्ति प्रणालियों के विस्तार को सीमित करना है, जिनका रासायनिक, जैविक और परमाणु हमलों में उपयोग किया जा सकता है।
- फ्राँस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका, इटली और कनाडा इसके संस्थापक सदस्यों में रहे हैं।
- वर्तमान में एमटीसीआर 34 देशों का एक समूह है और चीन तथा पाकिस्तान इसके सदस्य नहीं हैं।
- 26 जून, 2016 को भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का पूर्ण सदस्य बना था।
- एमटीसीआर में शामिल होने के बाद भारत हाई-टेक मिसाइलों का अन्य देशों से बिना किसी बाधा के आयात कर सकता है और अमेरिका से ड्रोन भी खरीद सकता है और अपनी मिसाइलें किसी अन्य देश को बेच सकता है।
वासेनर अरेंजमेंट
- वासेनर अरेंजमेंट की स्थापना 1996 में वासेनर (नीदरलैंड) में की गई थी।
- यह परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) और मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) की तरह ही परमाणु अप्रसार की देखरेख करने वाली संस्था है।
- वासेनर अरेंजमेंट सदस्य देशों के बीच परंपरागत हथियारों, दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।
- इसके सदस्यों को यह सुनिश्चित करना होता है कि परमाणु प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण का दुरुपयोग न हो और इसका इस्तेमाल सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में न किया जाए।
- वासेनर अरेंजमेंट का मुख्यालय विएना में है।
- भारत क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा तथा उत्कृष्ट निर्यात नियंत्रण पर निगरानी रखने वाली संस्था वासेनर अरेंजमेंट का 42वां सदस्य बन गया है।
ऑस्ट्रेलिया समूह
- 1984 में ईरान-इराक युद्ध में जब इराक ने रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया (1925 जेनेवा प्रोटोकोल का उल्लंघन) तब ऑस्ट्रलिया ने यह समूह बनाने के लिये पहल की थी
- रासायनिक व जैविक हथियारों के आयात-निर्यात और प्रयोग पर नियंत्रण स्थापित करने के लिये 1985 में ऑस्ट्रेलिया समूह का गठन किया गया।
- ऑस्ट्रेलिया ही इस संगठन के सचिवालय का प्रबंधन देखता है।
- इसकी पहली बैठक जून, 1985 में ब्रसेल्स में हुई
- शुरुआत में इसमें 15 सदस्य थे और वर्तमान 42 देश इसके सदस्य हैं ,जिनमें यूरोपीय संघ के सभी 26 सदस्य देश भी शामिल हैं।
- ऑस्ट्रेलिया समूह का मुख्य उद्देश्य रासायनिक तथा जैविक हथियारों की रोकथाम हेतु नियम निर्धारित करना है।
- ऑस्ट्रेलिया समूह इन हथियारों के निर्यात पर नियंत्रण रखने के अलावा 54 विशेष प्रकार के यौगिकों के प्रसार पर नियंत्रण रखता है।