हिंद महासागर क्षेत्र में देश की निगरानी क्षमताओं मे वृद्धि करने हेतु ‘सिंधु नेत्र’ नामक निगरानी उपग्रह को विकसित किया गया है।
‘सिंधु नेत्र’ उपग्रह को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के युवा वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा विकसित किया गया है।
‘सिंधु नेत्र’ उपग्रह सक्रिय युद्धपोतों और व्यापारिक जहाजों की स्वचालित रूप से पहचान करने में सक्षम है।
आवश्यकता पड़ने पर यह उपग्रह दक्षिण चीन सागर जैसे विशेष क्षेत्रों और अदन की खाड़ी और अफ्रीकी तट के पास समुद्री डाकू प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी करने में भी मदद कर सकता है।
सिंधु नेत्र उपग्रहों की श्रृंखला में पहला है जो चीन के साथ लद्दाख क्षेत्र और पाकिस्तान के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में भूमि पर भारत की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा।
‘सिंधु नेत्र’ उपग्रह को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के ‘PSLV-C51’ नामक प्रक्षेपण यान के द्वारा सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में तैनात किया गया।
केंद्र सरकार ने डिफेंस स्पेस एजेंसी (DSA) के साथ ही डिफेंस स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (DSRO) भी बनाया है ताकि अंतरिक्ष से होने वाले दुश्मन के हमलों से देश को बचाया जा सके।