पनडुब्बियों का वर्गीकरण
डीज़ल इलेक्ट्रिक पनडुब्बियाँ (SSK)
- डीज़ल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियाँ परिचालन हेतु डीज़ल इंजनों द्वारा चार्ज की गईं इलेक्ट्रिक मोटरों का उपयोग करती हैं।
- इन इंजनों को संचालित करने के लिये हवा और ईंधन की आवश्यकता होती है, इसलिये उन्हें बार-बार सतह पर आना पड़ता है, जिससे उनका पता लगाना आसान हो जाता है।
- SSK पनडुब्बियों में से चार शिशुमार श्रेणी की पनडुब्बियाँ हैं, जिन्हें वर्ष 1980 के दशक में जर्मनी के सहयोग से भारत लाया और बनाया गया।
- किलो श्रेणी या सिंधुघोष श्रेणी की आठ पनडुब्बियाँ हैं, जिन्हें वर्ष 1984 और वर्ष 2000 के बीच रूस (पूर्व सोवियत संघ सहित) से खरीदा गया था।
- तीन कलवरी श्रेणी की स्कॉर्पीन पनडुब्बी(P-75) हैं, जिसका निर्माण फ्राँस के नेवल ग्रुप के सहयोग से भारत के मझगांव डॉक पर किया गया है।
परमाणु शक्ति आक्रामक पनडुब्बी (SSN)
- SSN अनिश्चित काल तक समुद्र के भीतर रहकर कार्य कर सकते हैं
- यह केवल चालक दल की सहनशक्ति या खाद्य आपूर्ति की कमी से प्रभावित हो सकती है।
- ये पनडुब्बियाँ टॉरपीडो, एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल और लैंड-अटैक क्रूज़ मिसाइल जैसे कई सामरिक हथियारों से भी लैस हैं।
- भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांँस और चीन के साथ छह देशों में एसएसएन है।
- भारत द्वारा INS चक्र 2 SSN पनडुब्बी रूस से वर्ष 2022 तक लीज़ पर ली गई है।
परमाणु शक्ति बैलिस्टिक मिसाइलयुक्त पनडुब्बी (SSBN)
- :यह एक धीमी गति से चलने वाला ‘बॉम्बर’ या बमबारी करने वाला यंत्र और परमाणु हथियारों के लिये एक गोपनीय ‘लॉन्च प्लेटफॉर्म’ है।
- अरिहंत और निर्माणाधीन तीन SSBN सामरिक बल कमान (SFC) का हिस्सा हैं।