राष्ट्रीय खेल पुरस्कार
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार
- इस पुरस्कार को पहले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के रूप में जाना जाता था।
- यह भारत में किसी खिलाड़ी को दिया जाने वाला सर्वोच्च खेल सम्मान है।
- यह पुरस्कार वर्ष 1991-92 में स्थापित किया गया था।
- यह विगत चार वर्ष की अवधि में किसी खिलाड़ी द्वारा खेल के क्षेत्र में शानदार एवं सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये दिया जाने वाला सर्वोच्च खेल पुरस्कार है।
- इस पुरस्कार में एक पदक, एक प्रमाण पत्र और 25 लाख रुपए का नकद पुरस्कार शामिल है।
अर्जुन पुरस्कार
- यह पुरस्कार वर्ष 1961 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेल आयोजनों में उत्कृष्ट उपलब्धि को मान्यता देने के लिये स्थापित किया गया था।
- यह विगत चार वर्षों की अवधि में अच्छे प्रदर्शन और नेतृत्व, खेल भावना एवं अनुशासन की भावना बनाए रखने वाले खिलाडियों को दिया जाता है।
- इस पुरस्कार के विजेता को 15 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, अर्जुन की एक कांस्य प्रतिमा और एक प्रमाण/सम्मान पत्र प्रदान किया जाता है।
द्रोणाचार्य पुरस्कार
- यह पुरस्कार वर्ष 1985 में भारत सरकार द्वारा खेलों में उत्कृष्ट प्रशिक्षण को मान्यता देने के लिये स्थापित किया गया था।
- यह कोचों को सुसंगत आधार पर उत्कृष्ट और मेधावी कार्य करने और खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिये दिया जाता है।
- इसमें 15 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, द्रोणाचार्य की एक कांस्य प्रतिमा और प्रमाण/सम्मान पत्र प्रदान किया जाता है।
ध्यानचंद पुरस्कार
- इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2002 में हुई थी।
- यह उन खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिये दिया जाता है जिन्होंने अपने प्रदर्शन से खेल में योगदान दिया है और सेवानिवृत्ति के बाद भी खेल आयोजनों को बढ़ावा देने में योगदान देना जारी रखा है।
- इस पुरस्कार के विजेता को ध्यानचंद की एक प्रतिमा, एक प्रमाण पत्र, औपचारिक पोशाक और 10 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्राफी
- इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1956-57 में हुई थी।
- यह विश्वविद्यालय स्तर के खेल प्रदर्शन के लिये दी जाती है।
- यह विगत एक वर्ष की अवधि में ‘अंतर-विश्वविद्यालयी टूर्नामेंटों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन’ करने वाले विश्वविद्यालय को दी जाती है।
राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार
- इसकी स्थापना वर्ष 2009 में हुई थी।
- यह उन कॉरपोरेट संस्थाओं (निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में), खेल नियंत्रण बोर्डों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेल निकायों सहित गैर-सरकारी संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने खेलों के प्रोत्साहन और विकास के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।