सागरमाला परियोजना
- सागरमाला परियोजना बंदरगाहों के आधुनिकीकरण से संबंधित है।
- सागरमाला परियोजना केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई योजना है।
- सागरमाला परियोजना की परिकल्पना सर्वप्रथम तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 15 अगस्त, 2003 को प्रस्तुत की गई थी।
- इस योजना द्वारा भारत के 7,500 किलोमीटर लंबी तटीय समुद्र तट, 14,500 किलोमीटर की संभावित जलमार्ग और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों पर रणनीतिक स्थान का उपयोग करके देश में बंदरगाह के विकास को बढ़ावा देना है।
- इस योजना में 12 स्मार्ट शहर तथा विशेष आर्थिक ज़ोन(SEZ) को शामिल किया गया है।
- योजना के अंतर्गत आठ तटीय राज्यों को चिन्हित किया गया है जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
- केंद्रीय शिपिंग मंत्रालय को इस योजना की नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है।
उद्देश्य
- देश के बड़े तटवर्ती शहरों को बेहतर सड़क मार्ग,वायु मार्ग,तथा समुद्री मार्ग से जोड़ना।
- तटीय आर्थिक क्षेत्र में बसे लोगों के सतत् विकास को प्रोत्साहित करना।
- बंदरगाहों के आस-पास प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष विकास को प्रोत्साहन देना।
- नए बंदरगाहों का विकास तथा पुराने बंदरगाहों का आधुनिकीकरण करना।
- बंदरगाहों से माल की आवाजाही के लिये किफायती, त्वरित और कुशल बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराना।