मधुमेह
- मधुमेह एक गैर-संचारी रोग है जो या तो तब होता है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है।
- इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा स्रावित एक पेप्टाइड हार्मोन है जो सेलुलर ग्लूकोज तेज़ करने, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, प्रोटीन मेटाबॉलिज्म को विनियमित करने तथा कोशिका विभाजन एवं विकास को बढ़ावा देकर सामान्य रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
- मधुमेह लम्बे समय तक बगैर उपचार या सही रोकथाम के रहने पर गुर्दे, हृदय, रक्त वाहिकाएं, तंत्रिका तंत्र और आँखें (रेटिना) आदि से संबंधित रोगों का कारण बनता है।
मधुमेह तीन प्रकार का होता है-
1. टाइप-1 मधुमेह
- इसे ‘किशोर-मधुमेह’ के रूप में भी जाना जाता है (क्योंकि यह ज़्यादातर 14-16 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित करता है)
- टाइप-1 मधुमेह तब होता है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल रहता है।
- टाइप-1 मधुमेह वाले लोग इंसुलिन पर निर्भर होते हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें जीवित रहने के लिये रोज़ाना कृत्रिम (इंजेक्शन द्वारा) इंसुलिन लेना पड़ता है।
2. टाइप-2 मधुमेह
- यह मानव शरीर के इंसुलिन के उपयोग के तरीके को प्रभावित करता है।
- इस अवस्था में टाइप-1 के विपरीत अग्नाशय में इंसुलिन तो बनाता है लेकिन शरीर की कोशिकाएँ इस बने इन्सुलिन का स्वस्थ शरीर की तरह प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाती हैं।
- टाइप-2 मधुमेह ज़्यादातर 45 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों में पाया जाता है।
- यह लोगों में तेज़ी से बढ़ते मोटापे का कारण बनता है।
3. गर्भावस्था के दौरान मधुमेह-
- यह गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में तब होता है जब कभी-कभी गर्भावस्था के कारण शरीर अग्नाशय में बनने वाले इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है।
- गर्भकालीन मधुमेह सभी महिलाओं में नहीं होता है और आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद यह समस्या दूर हो जाती है।
इंसुलिन
- इंसुलिन एक हॉर्मोन है, जो पैन्क्रियाज द्वारा बनता है।
- हम जो खाना खाते हैं, उसमें मौजूद ग्लूकोज तत्व रक्त के जरिये कोशिकाओं में पहुंचती है, जिससे ऊर्जा बनती है। इंसुलिन ग्लूकोज को कोशिकाओं में पहुंचाने का काम करता है।
हाइपरग्लाइसेमिया
- इंसुलिन न बनने या उसका सही इस्तेमाल न होने पर रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है, इसे हाइपरग्लाइसेमिया कहते हैं।
- ग्लूकोज का स्तर अधिक होने पर शरीर के अंगों और ऊतकों को नुकसान होता है।
- गंभीर स्थिति में प्रमुख अंग काम करना बंद कर सकते हैं।
लक्षण
अधिक यूरिन होना, खासकर रात में। बार-बार प्यास लगना, वजन कम होना, बहुत अधिक भूख लगना, धुंधला दिखना, हाथ या पैरों में कंपन होना, बहुत अधिक थकान महसूस करना, त्वचा रुखी रहना, घाव का न सूखना, बार-बार संक्रमण होना।
रक्त में सही शुगर लेवल का पैमाना
खाली पेट : 100 एमजी/डीएल
खाने के दो घंटे बाद : 140 एमजी/डीएल
एचबीए1सी : 6.5 फीसदी हर तीन माह पर
विश्व मधुमेह दिवस
- संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2006 में विश्व मधुमेह दिवस को मान्यता दी थी।
- हर साल 14 नवंबर को सर फ्रेडरिक बांटिंग के जन्मदिवस पर मधुमेह दिवस मनाया जाता है।
- सर फ्रेडरिक बांटिंग और चार्ल्स बेस्ट ने वर्ष 1922 में इंसुलिन की खोज की थी, जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर मधुमेह रोगियों के इलाज में किया जा रहा है।
विश्व मधुमेह दिवस थीम
2021 से 2023 के लिए विश्व मधुमेह दिवस की थीम है ‘एक्सेस टू डायबिटीज केयर- इफ नॉट नॉऊ वेन?’ यानी मधुमेह का उपचार आसान हो, अगर अभी नहीं तो कब?
अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ
- अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ की स्थापना नीदरलैंड की राजधानी अम्स्टर्डाम में वर्ष 1950 में हुई थी।
- वर्ष 1985 में IDF का कार्यकारी मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में स्थानांतरित हो गया।
- भारत के डॉ. ज़सबीर सिंह बजाज़ (पद्म विभूषण,1982) 1985 से 1988 तक इस संघ के अध्यक्ष रहे।
- यह संगठन विश्व के लगभग 170 देशों तथा 230 से अधिक संगठनों के साथ मिलकर मधुमेह के उपचार, शोध एवं जागरूकता आदि पर काम करता है।