यह योजना मई 2015 में सभी भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
इस योजना को पूरे देश में बड़े पैमाने पर लागू किया गया है जिसमें सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में इस योजना से जुड़ने वालों में पुरुषों एवं महिलाओं का अनुपात 57:43 का है।
इस योजना को एनपीएस(NPS) के माध्यम से ‘पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण’(PFRDA) द्वारा प्रशासित किया जाता है।
योजना में 18-40 वर्ष के बीच की आयु वाला भारत का कोई भी नागरिक शामिल हो सकता है।
इस योजना में देर से शामिल होने वाले ग्राहक की योगदान राशि ज़्यादा और जल्दी शामिल होने वाले ग्राहक की योगदान राशि कम होती है।
अगर कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र में अटल पेंशन योजना से जुड़ता है तो उसे 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 5000 रुपये मासिक पेंशन के लिए बस प्रति माह 210 रुपये जमा करने होंगे।
यह 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 1000 रुपए से 5000 रुपए तक की न्यूनतम गारंटीड पेंशन प्रदान करता है।
अभिदाता की मृत्यु होने पर पति या पत्नी को जीवन भर के लिये पेंशन की गारंटी दी जाती है।
अभिदाता और उसकी/उसका पत्नी/पति दोनों की मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी को पूरी पेंशन राशि का भुगतान किया जाता है।