प्रश्न करने का अधिकार
- लोकसभा तथा राज्य सभा में निर्वाचित सदस्यों को तारांकित प्रश्नों, अतारांकित प्रश्नों, अल्प सूचना प्रश्नों और निजी सदस्य के प्रश्नों के रूप में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है।
- संसद की प्रत्येक बैठक का पहला घंटा आमतौर पर दोनों सदनों में प्रश्न पूछने और उत्तर देने के लिये समर्पित होता है तथा इसे ‘प्रश्नकाल‘ कहा जाता है।
- राज्यसभा के सभापति या लोकसभा अध्यक्ष के पास यह तय करने का अधिकार है कि कोई प्रश्न या भाग सदन के मानदंडों के तहत स्वीकार्य है या नहीं और वह किसी भी प्रश्न या प्रश्न के किसी भाग को अस्वीकार कर सकता है।
प्रश्नों की श्रेणी
- तारांकित प्रश्न – तारांकित प्रश्नों का उत्तर मौखिक दिया जाता है तथा इसके बाद पूरक प्रश्न पूछे जाते हैं।
- अतारांकित प्रश्न- अतारांकित प्रश्नों के मामले में लिखित रिपोर्ट आवश्यक होती है, इसलिये इनके बाद पूरक प्रश्न नहीं पूछे जा सकते हैं।
- अल्प सूचना के प्रश्न- ये ऐसे प्रश्न होते हैं जिन्हें कम-से-कम 10 दिन का पूर्व नोटिस देकर पूछा जाता है। इनका उत्तर भी मौखिक दिया जाता है।
- निजी सदस्यों से पूछा जाने वाला प्रश्न- ऐसे प्रश्न उन सदस्यों से पूछे जाते हैं, जो मंत्रिपरिषद के सदस्य नहीं होते, किंतु किसी विधेयक, संकल्प या सदन के किसी विशेष कार्य के लिये उत्तरदायी होते है।