वैज्ञानिक और उपयोगी गहन अनुसंधान उन्नति (Scientific and Useful Profound Research Advancement-SUPRA) योजना के अंतर्गत वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिये विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) के समक्ष एक प्रस्ताव रखना होगा।
इस प्रस्ताव की प्रारंभिक जाँच SERB द्वारा गठित शीर्ष वैज्ञानिकों के एक पैनल द्वारा की जाएगी।
उपरोक्त चरण को पार करने के पश्चात् प्रस्ताव का मूल्यांकन प्रत्येक विषय के लिये विशेष रूप से गठित विशेषज्ञ समीक्षा समिति द्वारा किया जाएगा।
SERB के अनुसार, इस समिति को पूर्ण स्वतंत्रता होगी कि यदि उसे लगता है कि किसी विशेष प्रस्ताव के मूल्यांकन के लिये विशेषज्ञता भारत में मौजूद नहीं है, तो वह उस विशेषज्ञता को विदेशों से भी प्राप्त कर सकती है।
इस योजना के तहत पहले वर्ष में 15 से 30 प्रस्तावों को वित्तपोषित करने की योजना बनाई जा रही है, इस संख्या को आगे के वर्षों में और अधिक बढ़ा दिया जाएगा।
वित्तपोषण के लिये मंज़ूरी प्राप्त होने पर एक प्रस्ताव को तीन सालों के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, इस अवधि को 2 वर्ष और बढ़ाया जा सकता है।
विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (Science and Engineering Research Board-SERB)
यह एक सांविधिक निकाय है जिसकी स्थापना संसद के अधिनियम (द साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड एक्ट, 2008) द्वारा की गई थी।
बोर्ड की अध्यक्षता विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में भारत सरकार के सचिव द्वारा की जाती है। इसके अलावा देश के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और प्रसिद्ध वैज्ञानिक इस बोर्ड के सदस्य होते हैं।
बोर्ड की स्थापना का उद्देश्य विज्ञान और इंजीनियरिंग में बुनियादी अनुसंधान को बढ़ावा देना हैं।
बुनियादी अनुसंधान हेतु वैज्ञानिकों, शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं और अन्य एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।