उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना का उद्देश्य देश के दूरस्थ और क्षेत्रीय क्षेत्रों से संपर्क बढ़ाना और हवाई यात्रा को वहनीय बनाना है।
यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति का एक प्रमुख घटक है और इसे जून 2016 में लॉन्च किया गया था।
इस योजना का उद्देश्य क्षेत्रीय विमानन बाज़ार का विकास करना ,छोटे शहरों में भी आम आदमी को क्षेत्रीय मार्गों पर किफायती, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और लाभदायक हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करना।
UDAN की फ्लाइट्स में लगभग आधी सीटें रियायती किराए पर दी जाती हैं, और भाग लेने वाले कैरीएर्स को एक निश्चित राशि की ‘व्यवहार्यता अंतराल निधि’ प्रदान की जाती है, जोकि केंद्र और संबंधित राज्यों के मध्य साझा की जाती है।
इस योजना को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जाएगा।
यह योजना 10 साल तक जारी रहेगी और बाद में इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।
भारत सरकार ने योजना में योगदान के मद्देनज़र 21 अक्तूबर को उड़ान दिवस घोषित किया है, इसी दिन इस योजना से संबंधी दस्तावेज़ पहली बार जारी किये गए थे।
योजना के चरण
उड़ान 1.0
इस चरण के तहत 5 एयरलाइन कंपनियों को 70 हवाई अड्डों (36 नए बनाए गए परिचालन हवाई अड्डों सहित) के लिये 128 उड़ान मार्ग प्रदान किये गए।
उड़ान 2.0
वर्ष 2018 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 73 ऐसे हवाई अड्डों की घोषणा की जहाँ कोई सेवा प्रदान नही की गई थी या उनके द्वारा की गई सेवा बहुत कम थी।
उड़ान योजना के दूसरे चरण के तहत पहली बार हेलीपैड भी योजना से जोड़े गए थे।
उड़ान 3.0
पर्यटन मंत्रालय के समन्वय में उड़ान 3.0 के तहत पर्यटन मार्गों का समावेश।
जलीय हवाई अड्डे को जोड़ने के लिये जल विमान का समावेश।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई मार्गों को उड़ान के दायरे में लाना।
उड़ान 4.0
वर्ष 2020 में देश के दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) के चौथे संस्करण के तहत 78 नए मार्गों के लिये मंज़ूरी दी गई थी।
लक्षद्वीप के मिनिकॉय, कवरत्ती और अगत्ती द्वीपों को उड़ान 4.0 के तहत नए मार्गों से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
उड़ान 4.1
छोटे हवाई अड्डों, विशेष तौर पर हेलीकॉप्टर और सी-प्लेन मार्गों को जोड़ने पर केंद्रित है।
सागरमाला विमान सेवा के तहत कुछ नए मार्ग प्रस्तावित हैं।सागरमाला सी-प्लेन सेवा संभावित एयरलाइन ऑपरेटरों के साथ पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे अक्तूबर 2020 में शुरू किया गया था।