व्हिसलब्लोइंग (Whistleblowing)
- कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार, व्हिसलब्लोइंग एक ऐसी कार्रवाई है जिसका उद्देश्य किसी संगठन में अनैतिक प्रथाओं की ओर हितधारकों का ध्यान आकर्षित करना है।
- एक व्हिसल ब्लोअर कोई भी हो सकता है जो गलत प्रथाओं को उजागर करता है और आरोपों का समर्थन करने के लिये सबूत रखता है।
- वे या तो संगठन के भीतर या बाहर से हो सकते हैं, जैसे कि वर्तमान और पूर्व कर्मचारी, शेयरधारक, बाहरी लेखापरीक्षक एवं वकील।
- भारत में व्हिसल ब्लोअर्स को व्हिसल ब्लोअर संरक्षण अधिनियम, 2014 द्वारा संरक्षित किया जाता है।
- जनवरी 2020 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इनसाइडर ट्रेडिंग मामलों**के बारे में जानकारी साझा करने के लिये व्हिसल ब्लोअर व अन्य मुखबिरों को पुरस्कृत करने हेतु एक नया तंत्र स्थापित किया।
**इनसाइडर ट्रेडिंग शेयर बाज़ार में एक अनुचित और अवैध प्रथा है, जिसमें किसी कंपनी के बारे में महत्त्वपूर्ण अंदरूनी गैर-सार्वजनिक जानकारी का खुलासा कर दिया जाता है जिसके कारण अन्य निवेशकों को काफी नुकसान होता है।