वीर बाल दिवस
- 9 जनवरी को प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि अंतिम सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबज़ादों के साहस को श्रद्धांजलि देने के लिये 26 दिसंबर को “वीर बाल दिवस” के रूप में मनाया जाएगा।
- 26 दिसंबर को साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता था, जो मुगल सेना द्वारा सरहिंद (पंजाब) में छह और नौ साल की उम्र में मारे गए थे।
प्रमुख बिंदु
- साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह सिख धर्म के सबसे सम्मानित शहीदों में से हैं।
- मुगल सैनिकों ने सम्राट औरंगजेब (1704) के आदेश पर आनंदपुर साहिब को घेर लिया।
- गुरु गोबिंद सिंह के दो पुत्रों को पकड़ लिया गया।
- मुसलमान बनने पर उन्हें न मारने की पेशकश की गई थी।
- उन दोनों ने इनकार कर दिया और इसलिये उन्हें मौत की सजा दी गई और उन्हें जिंदा ईंटों से दीवार में चुनवा दिया गया।
- इन दोनों शहीदों ने धर्म के महान सिद्धांतों से विचलित होने के बजाय मृत्यु को प्राथमिकता दी।
साहिबज़ादे
- पंजाबी में साहिबजादे का मतलब होता है बेटे।
- यह शब्द आमतौर पर सिख गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्रों को संदर्भित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- गुरु गोबिंद सिंह सिखों के दसवें गुरु थे।उनकी जयंती हर साल 9 जनवरी को मनाई जाती है।
- उनके चार बेटे साहिबजादा बाबा अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे।