नारी शक्ति पुरस्कार
- नारी शक्ति पुरस्कार भारत में महिलाओं के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है।
- ये महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा व्यक्तिगत महिलाओं या महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली संस्थाओं अथवा व्यक्तियों को वार्षिक तौर पर दिया जाता है।
- इनकी शुरुआत साल 1999 में हुई थी। उस समय इसे स्त्री शक्ति पुरस्कार के नाम से जाना जाता था। बाद में साल 2015 में इसका नाम बदलकर नारी शक्ति पुरस्कार कर दिया गया।
- इसके तहत 2 लाख रुपए की नकद पुरस्कार राशि और इसके प्राप्तकर्ता व्यक्ति अथवा संस्थान को एक प्रमाण पत्र दिया जाता है।
- ये पुरस्कार महिलाओं को निर्णय लेने की भूमिकाओं में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करने के लिए, पारंपरिक और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं के कौशल को बढ़ावा देने के लिए, ग्रामीण महिलाओं को मूलभूत सुविधाएंँ प्रदान करने के लिये, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल, कला और संस्कृति जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है।
- साथ ही ये पुरस्कार सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिलाओं के सम्मान की दिशा में काम करने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है।
- ये पुरस्कार कुल 6 संस्थागत श्रेणियों और दो व्यक्तिगत श्रेणियों में दिया जाता है।
संस्थागत श्रेणी
- 1.देवी अहिल्याबाई होल्कर सम्मान जिसे 18वीं शताब्दी की मालवा शासिका के नाम पर दिया जाता है।
- 2.कन्नगी सम्मान जिसे वेदों और शास्त्रों की ज्ञाता कही जाने वाली प्रसिद्ध तमिल स्त्री कन्नगी के नाम से दिया जाता है।
- 3. माता जीजाबाई सम्मान, ये वीर शिवाजी की माता थीं जिन्होंने 17वीं शताब्दी में मराठा साम्राज्य की नींव डाली थी उनके नाम पर दिया जाता है।
- 4. रानी गाएदिनलिउ जेलियांग सम्मान ये 20वीं शताब्दी की नागा महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं।
- 5. रानी लक्ष्मीबाई सम्मान जिन्ह झाँसी की रानी के नाम से जाना जाता है
- 6.पुरस्कार रानी रुद्रम्मा देवी सम्मान के रूप में दिया जाता है जो 13वीं शताब्दी की काकतीय वंश की महिला शासक थीं।
- 8 मार्च 2022 को भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में एक विशेष समारोह में ये पुरस्कार प्रदान किये। इस बार कुल 29 महिलाओं को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।