विश्व धरोहर दिवस
- इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) ने वर्ष 1982 में ‘विश्व धरोहर दिवस’ की स्थापना की थी ।
- ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन'(UNESCO) ने वर्ष 1983 में इसेकी मंज़ूरी दी थी।
- प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को सांस्कृतिक-ऐतिहासिक स्थलों और धरोहरों के संरक्षण हेतु जागरूकता पैदा करने के लिये ‘अंतर्राष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल दिवस’ अथवा ‘विश्व धरोहर दिवस’ (World Heritage Day) का आयोजन किया जाता है।
- इस दिवस का उद्देश्य विभिन्न समुदायों के बीच सांस्कृतिक-ऐतिहासिक विरासत के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
- वर्ष 2022 के लिये विश्व धरोहर दिवस की थीम “धरोहर और पर्यावरण” है।
भारत में विश्व धरोहर स्थल
- वर्तमान में भारत में कुल 38 विश्व धरोहर स्थल मौजूद हैं।
- इनमें से 30 ’सांस्कृतिक’ श्रेणी में हैं, जैसे कि अजंता की गुफाएँ, फतेहपुर सीकरी और हम्पी स्मारक आदि,
- 7 ‘प्राकृतिक’ श्रेणी में हैं, जिनमें काजीरंगा, मानस और नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं।
- गुजरात के हड़प्पाकालीन शहर धोलावीरा को भारत के 40वें विश्व धरोहर स्थल का दर्ज़ा दिया गया है।
- रामप्पा मंदिर (तेलंगाना) भारत का 39वाँ विश्व धरोहर स्थल था।
- सिक्किम का कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान “मिश्रित विश्व विरासत स्थल” के रूप में नामित भारत का पहला और एकमात्र स्थल है।
- वर्ष 2022 में, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने वर्ष 2022-2023 के लिये विश्व धरोहर स्थल के रूप में विचार करने हेतु होयसल मंदिरों के पवित्र समागम को नामित किया है।