थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index-WPI)
- थोक स्तर पर सामानों की कीमतों का आकलन करने के लिए थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index-WPI) का इस्तेमाल किया जाता है।
- थोक मूल्य सूचकांक भारत में व्यापारियों द्वारा थोक में बेचे गए सामानों की कीमतों में बदलाव को मापता है।
- इसमें मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों को सबसे ज़्यादा भार (weightage) दिया जाता है।
- इसे भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार कार्यालय (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय) द्वारा जारी किया जाता है।
- थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 2011-12 है।
- थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के अनंतिम आंकड़े देश भर में संस्थागत स्रोतों और चुनी हुई विनिर्माण इकाइयों से प्राप्त आंकड़ों के साथ संकलित किए जाते हैं और हर महीने की 14 तारीख (या अगले कार्य दिवस) को जारी किए जाते हैं।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index-CPI)
- ख़ुदरा स्तर पर महँगाई मापने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक(Consumer Price Index-CPI) का इस्तेमाल किया जाता है।
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का जुड़ाव सीधे तौर पर उपभोक्ताओं से होता है।
- वर्तमान में भारत में पांच उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) हैं, जिनमें से प्रमुख चार निम्नलिखित हैं-
- औद्योगिक श्रमिकों के लिये सीपीआई अर्थात औद्योगिक श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
- कृषि मज़दूर के लिये सीपीआई
- ग्रामीण मज़दूर के लिये सीपीआई
- सीपीआई (ग्रामीण/शहरी/संयुक्त)
- उपर्युक्त में से प्रथम तीन को श्रम और रोज़गार मंत्रालय के संबद्ध कार्यालय ‘श्रम ब्यूरो’ द्वारा संकलित एवं जारी किया जाता है।
- जबकि चौथे प्रकार की सीपीआई को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा संकलित एवं जारी किया जाता है।
- औद्योगिक श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 2016 है।
- कृषि एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 1986-87 है।