पीएमईजीपी
- ‘प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम’ केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है।
- इस योजना की शुरुआत वर्ष 2008 में प्रधानमंत्री रोज़गार योजना (PMRY) और ग्रामीण रोज़गार सृजन कार्यक्रम(आरईजीपी) को मिलाकर की गई थी।
- यह योजना केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय’ के तहत संचालित तथा इस योजना का क्रियान्वयन ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ द्वारा किया जाता है।
- राज्य स्तर पर, योजना राज्य केवीआईसी निदेशालयों, राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्डों (केवीआईबी) तथा जिला उद्योग केंद्रों (डीआईसी) एवं बैंकों के माध्यम से लागू की जाएगी।
उद्देश्य
- स्वरोज़गार से जुड़े नए उपक्रमों/सूक्ष्म उद्यमों/परियोजनाओं के विकास को बढ़ावा देकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की तरफ युवाओं के पलायन को रोकने के लिये देश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गार युवाओं और कलाकारों के लिये स्थायी रोज़गार का प्रबंध करना।
- सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से देश में पारंपरिक तथा भावी कारीगरों, ग्रामीण तथा शहरी बेरोजगार युवाओं के एक बड़े वर्ग को निरंतर एवं स्थायी रोजगार प्रदान करना।
- सूक्ष्म क्षेत्र में उच्च ऋण प्रवाह के लिए वित्तीय संस्थानों की भागीदारी को सुगम बनाना।
पात्रता
- कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो।
- इस कार्यक्रम के तहत केवल नई इकाइयों की स्थापना के लिये सहायता प्रदान की जाती है।
- इस कार्यक्रम के तहत विनिर्माण क्षेत्र में 10 लाख से अधिक की परियोजनाओं और सेवा क्षेत्र में 5 लाख से अधिक की परियोजनाओं के लिये शैक्षणिक योग्यता के तौर पर लाभार्थी को आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
- इसके साथ ही ऐसे स्वयं सहायता समूह जिन्हें किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ न मिल रहा हो, ‘सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1860’ के तहत पंजीकृत संस्थान, उत्पादक कोऑपरेटिव सोसायटी और चैरिटेबल ट्रस्ट आदिइसके तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।