पंडित शिवकुमार शर्मा
- देश के मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का 10 मई, 2022 को निधन हो गया।
- वे 84 साल के थे। उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
- उनका जन्म 13 जनवरी 1938 को जम्मू में गायक पंडित उमा दत्त शर्मा के यहाँ हुआ था।
- भारतीय सिनेमा में भी पंडित शिव कुमार शर्मा का अहम योगदान रहा था।
- पंडित शिव कुमार शर्मा ने “सिलसिला”, “लम्हे”, “चांदनी” और “डर” जैसी फिल्मों के लिए भी संगीत तैयार किया।
- पंडित शिवकुमार शर्मा को बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के साथ जुगलबंदी के लिए जाना जाता था।
- दोनों की जोड़ी ने शिव-हरि नाम से एक क्लासिक एलबम भी तैयार किया था।
- हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में पंडित शिव कुमार शर्मा का अहम योगदान रहा।
- उन्हें साल 1986 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1991 में पद्मश्री और 2001 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- जम्मू-कश्मीर के लोक वाद्य संतूर को वैश्विक मंच पर ले जाने का श्रेय उन्हीं को जाता है।
- संतूर भारत के सबसे लोकप्रिय वाद्ययंत्रों में से एक है जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत से लेकर हर तरह के संगीत में किया जाता है।
- संतूर मूल रूप से कश्मीर का लोक वाद्ययंत्र है और इसे सूफ़ी संगीत में इस्तेमाल किया जाता था।
- संतूर की उत्पत्ति लगभग 1800 वर्ष से भी पूर्व ईरान में मानी जाती है, बाद में यह एशिया के कई अन्य देशों में प्रचलित हुआ और उन देशों ने इसे अपनी सभ्यता एवं संस्कृति के अनुसार इसके रूप में परिवर्तन किये।
- संतूर का भारतीय नाम ‘शततंत्री वीणा’ यानी ‘सौ तारों वाली वीणा’ है जिसे बाद में फारसी भाषा से संतूर नाम मिला।