सुंदरबन
- सुंदरबन पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना ज़िले के 19 विकासखण्डों में फैला हुआ है।
- यह भारत और बांग्लादेश दोनों में फैला हुआ दलदलीय वन क्षेत्र है।
- सुंदरबन का दूसरा नाम वर्षा वन है।
- यह यहाँ पाए जाने वाले सुन्दरी नामक वृक्षों के कारण प्रसिद्ध है।
- सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी भाग में गंगा नदी के सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान, बाघ संरक्षित क्षेत्र एवं बायोस्फ़ीयर रिज़र्व क्षेत्र है।
- यह क्षेत्र मैन्ग्रोव के घने जंगलों से घिरा हुआ है और रॉयल बंगाल टाइगर का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है।
- भारतीय क्षेत्र में स्थित सुंदरबन यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है।
- भारत में गंगा एवं बांग्ला देश में पद्मा (जो गंगा का ही बांग्ला देश में नाम है), सुंदरवन का डेल्टा बनाती हैं।
- यह 9,630 वर्ग किलोमीटर में फैला गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा का हिस्सा है।
- सुंदरबन दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा है।
- इस क्षेत्र में 104 द्वीप हैं।
- यहाँ जीव-जंतुओं की लगभग 2,487 प्रजातियाँ हैं।
- यहाँ पाए जाने वाले प्रसिद्ध बाघ (रॉयल बंगाल टाइगर) यहाँ के जलीय परिस्थितियों के अनुकूल हो गए हैं। वे तैर भी सकते हैं।
- यहाँ पाए जाने वाले कुछ जीवों में एशियाई छोटे पंख वाले ऊदबिलाव, गंगा की डॉल्फिन, भूरे और दलदली नेवले और जंगली रीसस बंदर प्रमुख हैं।
- यहाँ पक्षियों की 356 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें ऑस्प्रे, ब्राह्मिनी चील और श्वेत पेट वाली समुद्री बाज़ प्रमुख हैं।
- इसके अलावा गुलाबी सिर वाला तोता, फ्लाईकेचर, वार्बलर्स और किंगफिशर भी पाए जाते हैं।
- यहाँ कछुओं की 11 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें प्रसिद्ध ऑलिव रिडले कछुआ, हॉस्कबिल समुद्री कछुए और टेरापिन नदी कछुआ प्रमुख हैं। टेरापिन नदी कछुआ मीठे पानी में रहने वाला एक संकटापन्न जीव है।
- इसके अलावा यहाँ मगरमच्छ, मॉनिटर लेज़र्ड्स, सांपों की 30 प्रजातियाँ एवं कार्टिलैगिनस मछलीयाँ पाई जाती हैं। किंग कोबरा आईयूसीएन (IUCN) की सुभेद्य सूची में शामिल है।
- यहाँ के मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र में मछलियों की लगभग 350 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें से कार्टिलैगिनस (Cartilaginous) मछलीयाँ, जिनमें अस्थियों के बजाय उपास्थि का कंकाल होता है, 10.3% तक हैं।
- सुंदरबन की समृद्धि का एक और संकेत यहाँ पाए जाने वाले 753 कीट की प्रजातियों से है। इनमें से 210 तितलियाँ और पतंगे हैं। इसके अलावा केकड़े, चिंराट और झींगे की 334 प्रजातियाँ भी मौजूद हैं।
NTOE-जब नदी सागर अथवा झील में प्रवेश करती है तो उसके प्रवाह में अवरोध एवं वेग में कमी के कारण नदी के मुहाने पर बड़ी मात्रा में रेत और गाद का निक्षेपण या जमाव होने लगता है। इस प्रकार से निर्मित स्थलरूप डेल्टा कहलाता है।