हर घर तिरंगा अभियान
- हर घर तिरंगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित आजादी का अमृत महोत्सव के तहत एक अभियान है।
- यह भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए लोगों को राष्ट्रीय ध्वज घर लाने और फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
- इस पहल का मुख्य उद्देश्य लोगों में देशभक्ति की भावना जगाना है।
- यह अभियान भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास करता है।
- 22 जुलाई 1947 को पहली बार तिरंगा झंडा को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था।
- ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का पंजीकरण 22 जुलाई 2022 से शुरू हो चुका है और पंजीकरण की अंतिम तिथि 05 अगस्त 2022 है।
- आज़ादी का अमृत महोत्सव 13 अगस्त से शुरू होकर 15 अगस्त 2022 को समाप्त होगा।
- राष्ट्रीय तिरंगे झंडे के लिए एक ध्वज संहिता बनायी गयी है जिसमे ध्वज को फहराने व प्रयोग करने के बारे में निर्देश दिये गए हैं।
- यदि कोई ध्वज संहिता के विपरीत जाकर कोई कार्य करता है तो ऐसे में इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना जाएगा।
- ऑफिसियल वेबसाइट www.rashtragaan.in पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं।
हाल ही में, सरकार ने कंपनियों के लिए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से संबंधित गतिविधियों पर CSR फंड खर्च करने की घोषणा की।
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility – CSR)
- लाभप्रद कंपनियों के कुछ वर्गों को कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार अपने वार्षिक औसत शुद्ध लाभ का कम से कम 2% CSR गतिविधियों में स्थानांतरित करना अनिवार्य है।
- सरकार की घोषणा के अनुसार, CSR फंड हर घर तिरंगा अभियान से संबंधित गतिविधियों के लिए खर्च किया जाएगा, जिसमें बड़े पैमाने पर उत्पादन और राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति, प्रवर्धन प्रयास और अन्य संबंधित गतिविधियां शामिल हैं।
- ये गतिविधियां कंपनी अधिनियम की अनुसूची VII के प्रावधानों के अनुसार CSR फंड्स के लिए पात्र हैं।
- अनुसूची VII संस्कृति और CSR गतिविधियों से संबंधित शिक्षा को बढ़ावा देने से संबंधित है।