रेबीज़
रेबीज़ एक विषाणु जनित रोग है।
यह वायरस अधिकांशतः रेबीज़ से पीड़ित जानवर जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है।
आँकड़ों के अनुसार, मनुष्यों में लगभग 99 प्रतिशत मामलों का कारण कुत्ते का काटना है।
रेबीज़ से संक्रमित जानवर के काटने और रेबीज़ के लक्षण दिखाई देने की समयावधि चार दिनों से लेकर दो वर्ष तक या कभी-कभी उससे भी अधिक हो सकती है। इसलिये वायरस से बचाव के लिये जल्द-से-जल्द उपचार करना ज़रूरी होता है।
विश्व रेबीज़ दिवस (World Rabies Day)
रेबीज़ के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज़ दिवस मनाया जाता है।
यह दिवस फ्रांँस के प्रसिद्ध जीव विज्ञानी लुई पाश्चर की पुण्यतिथि के अवसर पर 28 सितंबर को मनाया जाता है।
लुई पाश्चर ने पहला रेबीज़ टीका विकसित किया था और रेबीज़ की रोकथाम की नींव रखी थी।
वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम- ‘रेबीज़: वन हेल्थ, ज़ीरो डेथ्स’ (‘Rabies: One Health, Zero Deaths’) रखी गई है।
विश्व रेबीज़ दिवस पहली बार 28 सितंबर, 2007 को मनाया गया था।