53वाँ भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) की शुरुआत वर्ष 1952 में की गई थी।
पहली बार इस महोत्सव का आयोजन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के संरक्षण में भारत सरकार के फिल्म डिवीज़न द्वारा किया गया था।
वर्ष 1975 से इस महोत्सव का आयोजन वार्षिक तौर पर किया जाता है और अब तक इसके कुल 52 संस्करण आयोजित किये जा चुके हैं।
53वाँ भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 20 से 28 नवंबर 2022 के बीच गोवा में आयोजित किया जाएगा।
तीसरे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में पहली बार स्वर्ण मयूर पुरस्कार दिया गया था। उसके बाद से यह पुरस्कार एशिया में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाने लगा है।
53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में 15 फिल्में प्रतिष्ठित स्वर्ण मयूर पुरस्कार(गोल्डन पीकॉक अवार्ड) हासिल करने की दौड़ में हैं।
15 फिल्मों में 12 अंतर्राष्ट्रीय और 3 भारतीय फिल्में शामिल हैं, जो सौंदर्यबोध से ओतप्रोत हैं और कला के माध्यम से कोई न कोई संदेश देती हैं।
गोल्डन पीकॉक अवार्ड के लिए 15 फिल्में
1.परफेक्ट नंबर (2022)
2.रेड शूज़ (2022)
3.ए माइनर (2022)
4.नो एन्ड (2021)
5.मेडीटिरेनियन फीवर (2022)
6.व्हेन दी वेव्ज आर गॉन (2022)
7.आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स (2022)
8.कोल्ड एज़ मार्बल (2022)
9.द लाइन (2022)
10.सेवेन डॉग्स (2021)
11.मारियाः द ओशन एंजेल (2022)
12.नेज़ह (2022)
13.द कश्मीर फाइल्स (2022)-यह हिन्दी फिल्म 1990 को हुए कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है। इसे विवेक अग्निहोत्री ने निर्देशित किया है। कहानी फिल्म के मुख्य पात्र कृष्णा के सहारे आगे बढ़ती है। वह युवा है और एक कॉलेज में पढ़ता है। आगे चलकर उसे अपने माता-पिता की असमय मृत्यु के रहस्य का पता चलता है।
14.द स्टोरी-टेलर (2022)-अनन्त महादेवन की यह फिल्म महान फिल्म निर्माता सत्यजित रे के पात्र तारिणी खुरो के बारे में है। कहानी में दिखाया गया है कि कैसे तारिणी खुरो नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद खुद को अजीब हालत में पाता है और किस्सागो बन जाता है। इस फिल्म को बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया गया था और वहीं उसे किम जी-सेयोक पुरस्कार के लिये नामित किया गया था।
15.कुरांगू पेडल (2022)-यह फिल्म रासी अलगप्पन की लघु कथा ‘साइकिल’ पर आधारित है। निर्देशक कमलकानन की यह फिल्म एक स्कूली बच्चे की कहानी है, जो साइकिल चलाना सीखना चाहता है, जबकि उसके पिता सिखाने में सक्षम नहीं हैं। फिल्म में पांच बच्चों को दिखाया गया है, जिनके सहारे कहानी आगे बढ़ती है। फिल्म के निर्देशक को उनकी 2012 की फिल्म मधुबानाकडाई के लिए जाना जाता है।