Social Media में एक काफी सारी जगह इस तरह की पोस्ट Viral हैं कि एक बस थी जो India से लंदन तक चलती थी, तो हमें इसकी पड़ताल की और काफी सारे फैक्ट्स को सही नहीं पाया, चलिए देखते हैं कि सही जानकारी क्या है ?
1957 में ब्रिटिश कंपनी गैरो-फिशर टूर्स द्वारा कोलकाता से दिल्ली होते हुए लंदन तक पहली अंतर्राष्ट्रीय बस सेवा की शुरुआत की गई थी। इसे ‘द इंडियामैन’ नाम दिया गया था। 15 अप्रैल 1957 को यह बस लंदन से रवाना हुई और 32,000 किमी की यात्रा तय करते हुए 2 अगस्त को कोलकाता पहुंची। यह यात्रा लगभग 50 दिनों में पूरी हुई।
इसके बाद अन्य कई ब्रिटिश कंपनियों ने भी लंदन से भारत तक की बस सेवाएं शुरू कीं। इनमें सबसे प्रमुख थी अल्बर्ट ट्रैवल, जिसने 1957 से लेकर 1970 के दशक तक लंदन से भारत के बीच 15 राउंड ट्रिप्स चलाईं। इन बसों को ‘हिप्पी रूट’ के नाम से जाना जाता था क्योंकि यह युवाओं और हिप्पी संस्कृति के प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय थी।
द इंडियामैन बस बेल्जियम, यूगोस्लाविया और उत्तर-पश्चिमी भारत होते हुए भारत पहुंचती थी। इस यात्रा में यात्रियों को रास्ते में आने वाले पर्यटन स्थलों जैसे बनारस और ताजमहल को देखने का मौका मिलता था। 1957 में एक तरफ का किराया 85 पाउंड था जो 1970 के दशक में बढ़कर 145 पाउंड हो गया।
इस बस में सोने और खाने की सुविधाएं उपलब्ध थीं। ऊपरी डेक पर आराम करने और नजारों को देखने के लिए एक लाउंज था। रेडियो और संगीत प्रणाली भी थी। यात्रियों को रास्ते में टहलने और शॉपिंग करने की छूट थी।
1970 के दशक में मध्य पूर्व में राजनीतिक अशांति के कारण यह सेवा बंद हो गई। 1979 में ईरानी क्रांति और सोवियत-अफगान युद्ध के बाद भूमि मार्ग से यात्रा और अधिक कठिन हो गई। फिर भी, इस बस सेवा ने अपने समय में लंदन और भारत के बीच सीधा संपर्क स्थापित किया और दोनों देशों के लोगों को एक-दूसरे के नजदीक लाया।
2022 में भारतीय कंपनी एडवेंचर्स ओवरलैंड ने दिल्ली से लंदन तक की बस सेवा फिर से शुरू करने की घोषणा की है। 60 दिनों में 18 देशों से होकर गुजरते हुए यह बस सेवा 20,000 किमी का सफर तय करेगी। इसमें म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, चीन, रूस, बेल्जियम जैसे देशों से होकर गुजरना शामिल है।
एक ओर का किराया 15 लाख रुपये है। बस में सोने, खाने और आराम की सुविधाएं मौजूद रहेंगी। यात्रियों को रास्ते में पर्यटन स्थलों पर रुकने का मौका मिलेगा।
यह नई बस सेवा 1950 के दशक की पुरानी ‘हिप्पी रूट‘ को फिर से जिंदा करेगी। आशा है कि यह एक बार फिर भारत और ब्रिटेन के लोगों को जोड़ेगी और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगी। यह यात्रा पिछली पीढ़ी की तरह ही युवाओं के बीच लोकप्रिय होगी और उन्हें विदेशों की यात्रा करने तथा नए अनुभव हासिल करने का अवसर प्रदान करेगी।