काल
क्रिया का वह रूप जिससे क्रिया के होने का समय तथा उसकी पूर्णता एवं अपूर्णता का बोध होता है, काल कहते हैं।
- राधा गीत गाती है।
- राधा गीत गाती थी।
- राधा गीत गाएगी।
इन वाक्यों में ‘है’ से वर्तमान का बोध होता है, ‘थी’ से बीते समय का और ‘गाएगी’ से आने वाले समय का बोध होता है।
वर्तमान काल
वर्तमान काल के तीन मुख्य भेद माने जाते है।
(क) सामान्य वर्तमान-जिस क्रिया के वर्तमान काल में होने का सामान्य रूप से पता चले, उसे सामान्य वर्तमान कहते हैं। जैसे-
- शीला पुस्तक लिखती है।
- मोहन चित्र बनाता है।
इन वाक्यों में ता, तै, ती है लगता है।
(ख) अपूर्ण वर्तमान-जिस क्रिया के वर्तमान काल में क्रिया के होते रहने का पता चले, उसे अपूर्ण वर्तमान कहते हैं। जैसे-
- शीला पुस्तक लिख रही है।
- मोहन चित्र बना रहा है।
रहा, रहे, रही, के साथ हूँ, हैं, हो लगाकर बनता है।
(ग) संदिग्ध वर्तमान– जिस क्रिया के वर्तमान में होने पर संदेह हो संदिग्ध वर्तमान हैं।
- शीला पुस्तक लिखती होगी।
- मोहन चित्र बना रहा होगा।
ता, ते, ती लगाकर होगा, होगी, हूँगा का प्रयोग करते हैं।
भूतकाल
बात जिस क्षण कही जा रही है उससे पहले या बीते हुए समय में किया के होने का बोध होता है, उसे भूतकाल कहते हैं। जैसे-
- उसने गीता गाया।
- प्रभात गया था।
भूतकाल के 6 भेद होते है
(क) सामान्य भूतकाल-जब क्रिया सामान्य रूप से भूतकाल में होती है, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं। जैसे-
- उसने गीत गाया।
- दीपक ने पाठ याद किया।
(ख) आसन्न भूत-जब क्रिया अभी-अभी पूरी हुई हो, तो उसे आसन्न भूत क्रिया कहते हैं। जैसे-
- आज वर्षा हुई है।
- दीपक ने पाठ याद किया है।
(ग) पूर्ण भूतकाल-जब क्रिया भूकाल में बहुत समय हले | समाप्त हो चुकी हो, उस क्रिया को पूर्ण भूत क्रिया कहते हैं। जैसे-
- उसने गीता गाया था।
- दीपक ने पाठ याद किया था |
(घ) अपूर्ण भूतकाल-जब क्रिया भूतकाल में आरम्भ हो चुकी हो और अभी समाप्त न हुई हो, उसे अपूर्ण भूत्त क्रिया कहते हैं। जैसे-
- वह गीता गा रहा था
- दीपक पाठ याद कर रहा था।
(इ) संदिग्ध भूतकाल-जिस क्रिया के भूतकाल में पूर्ण होने के विषय सदेह हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं।जैसे-
- उसने गीत गाया होगा।
- दीपक ने पाठ याद कर लिया होगा।
- आज वर्षा हो चुकी होगी
- मंजीत प्रथम आ चुका होगा।
(च) हेतु-हेतुमय भूतकाल-जो क्रिया भूतकाल में हो सकती थी परन्तु हो न सकी, उसे हेतु-हेतुमय भूकाल कहते हैं। जैसे-
- यदि तुम आते, तो वह गाता
- यदि अध्यापक कहता, तो दीपक पाठ याद करता।
- यदि हवा न चलती, तो आज वर्षा होती।
- यदि मेहनत करता, तो मंजीत प्रथम आ जाता।
भविष्यत् काल
बात जिस समय कही जा रही है, उसके अथवा आने वाले समय में क्रिया के होने का बोध होता है, वह भविष्यत् काल कहलाता है। अन्त में एगा, एगी, एगे रूप आते है।
- सीता काल जयपुर जाएगी।
- आज नानी आ जाएगी
- कविता गाएगी।
- कल वर्षा होगी।
भविष्य काल के दो भेद हैं |
(क) सामान्य भविष्यत्-क्रिया के रूप में से उसे भाविष्य में होने की संभावना भविष्यत् कहते हैं, जैसे –
- राजीव और आकाश जयपुर जाएगें।
- मैं खाना खाऊगीं।
- मोहन कल स्कूल जाएगा।
- राधा कल जाएगी।
(ख) संभाव्य भविष्यत्-क्रिया के जिस रूप से उसके भविष्य में होने की संभावना है, उसे संभाव्य भविष्य कहते हैं। जैसे –
- राजीव और आकाश शायद जयपुर जाएगें।
- मैं शायद खाना खाऊँगी।
- मोहन शायद कल स्कूल जाएगा।
- राधा शायद कल जाएगी