जीवन परिचय
- नेल्सन रोहिल्हाला मंडेला का जन्म 18 जुलाई, 1918 को म्वेज़ो, दक्षिण अफ़्रीका में हुआ था।
- उनके पिता ने उन्हें ‘रोहिल्हाला’ नाम दिया जिसका अर्थ है पेड़ की डालियों को तोड़ने वाला या फिर प्यारा शैतान बच्चा।
- नेल्सन के पिता ‘गेडला हेनरी’ गाँव के प्रधान थे।
- नेल्सन अपनी पिता की तीसरी पत्नी ‘नेक्यूफ़ी नोसकेनी’ की पहली सन्तान थे। कुल मिलाकर वह तेरह भाईयों में तीसरे थे।
- बारह साल की उम्र में ही नेल्सन के सिर से पिता का साया उठ गया।
- नेल्सन ने ‘क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल’ से अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूरी की।
- उन्होंने ‘हेल्डटाउन’ से अपनी स्नातक शिक्षा पूरी की। हेल्डटाउन अश्वेतों के लिए बनाया गया एक विशेष कॉलेज था।
- नेल्सन ने एक सोने की ख़दान में चौकीदार की नौकरी भी किया।
- नेल्सन ने अपनी माँ के साथ जोहान्सबर्ग में ही रहने का इरादा किया।
- नेल्सन ने जीवनयापन के लिए एक क़ानूनी फ़र्म में लिपिक की नौकरी भी किया।
- नेल्सन मंडेला ने अपने जीवन को मानवाधिकारों के लिए लड़ते हुए समर्पित किया था और उनका मानना था कि हर किसी में दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने की क्षमता है।
- अक्टूबर 1944 को उन्होंने अपने मित्र व सहयोगी वॉल्टर सिसुलू की बहन इवलिन मेस से शादी की।
- वह 1944 में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गए जब उन्होंने ‘ANC Youth League’ (ANCYL) बनाने में मदद की।
- मंडेला ने अफ्रीकी देश अल्जीरिया में जाकर सैन्य प्रशिक्षण लिया था ।
- 1961 में मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया परन्तु उन्हें अदालत ने निर्दोष पाया।
- इसी मुकदमे के दौरान उनकी मुलाकात अपनी दूसरी पत्नी नोमजामो विनी मेडीकिजाला से हुई।
- 1962 में अश्वेत संघर्ष की वजह से नेल्सन मंडेला को आजीवन कारवास की सज़ा सुनाई गई थी
- वे लगभग 27 वर्ष रॉबेन द्वीप पर कारागार में रंगभेद नीति के ख़िलाफ़ लड़ते हुए बिताए और उन्हें फ़रवरी 1990 में रिहा किया गया था.
- 1993 में नेल्सन मंडेला को रंगभेद शासन की शांतिपूर्ण समाप्ति के लिए और दक्षिण अफ्रीका के लिए एक नए लोकतंत्र की नींव रखने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
- वे 10 मई 1994 को दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने थे।
- 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर उन्होंने ग्रेस मेकल से विवाह किया।
- मंडेला के तीन शादियाँ कीं जिन से उनकी छह संतानें हुई। उनके परिवार में 17 पोते-पोती थे।
- 1990 में नेल्सन मंडेला को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था
- 1992 में नेल्सन को पाकिस्तान के सर्वोच्च पुरस्कार निशान ए पाकिस्तान से सम्मानित किया गया था
- नोबेल शांति पुरस्कार, भारत रत्न, निशान-ए-पाकिस्तान और गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित नेल्सन मंडेला जवानी के दिनों में ही रंगभेद के खिलाफ काम में जुट गए थे। इसी वजह से उन्हें दक्षिण अफ्रीका का गांधी भी कहा जाता है।
- नेल्सन मंडेला का 5 दिसम्बर, 2013 को फेफड़ों में संक्रमण हो जाने के कारण हॉटन, जोहान्सबर्ग स्थित अपने घर में . हो गया था।
- मंडेला ने अपनी आत्मकथा लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम में लिखा है,
- प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा 18 जुलाई को नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।यह दिन नेल्सन मंडेला की याद में मनाया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 नवंबर 2009 को 18 जुलाई को “नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस” के रूप में मानाने के प्रस्ताव अपनाया और इसे अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किया।
- 18 जुलाई 2009 को, न्यूयॉर्क में पहला मंडेला दिवस मनाया गया था।
- नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को बेहतर कार्यों के प्रति जागरूक करना तथा उन्हें अच्छे उद्देश्यों हेतु एक दूसरे का सहयोग करने के लिए प्रेरित करना है।