कॉलेजियम सिस्टम
- यह न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण की प्रणाली है जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के माध्यम से विकसित हुई है, न कि संसद के अधिनियम या संविधान के प्रावधान द्वारा।
- सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम का नेतृत्त्व भारत के मुख्य न्यायाधीश(CJI) द्वारा की जाती है और इसमें न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- एक उच्च न्यायालय कॉलेजियम का नेतृत्त्व उसके मुख्य न्यायाधीश और उस न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश करते हैं
- 1990 में सर्वोच्च न्यायालय के दो फैसलों के बाद यह व्यवस्था बनाई गई थी और 1993 से इसी के माध्यम से उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्तियाँ होती हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति तथा तबादलों का फैसला भी कॉलेजियम ही करता है।
- उच्च न्यायालयों के कौन से जज पदोन्नत होकर सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे यह फैसला भी कॉलेजियम ही करता है।
- कॉलेजियम की सिफारिशें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजी जाती हैं और उनकी मंज़ूरी मिलने के बाद ही नियुक्ति की जाती है।
न्यायाधीशों की नियुक्ति के संवैधानिक प्रावधान
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 (2) में यह प्रावधान है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की इतनी संख्या जिसे राष्ट्रपति इस प्रयोजन के लिये आवश्यक समझे, से परामर्श के बाद राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- अनुच्छेद 217 के अनुसार, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा CJI और राज्य के राज्यपाल के परामर्श से की जाएगी और मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से भी परामर्श किया जाएगा ।