राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली
- भारत सरकार ने देश में पेंशन क्षेत्र के विकास और विनियमन के लिए 10 अक्तूबर 2003 को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण(PFRDA) स्थापित किया।
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) 1 जनवरी 2004 को सभी नागरिकों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी।
- इसको वर्ष 2018 में सुव्यवस्थित करने तथा इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके अंतर्गत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ पहुँचाने हेतु योजना में बदलाव को मंज़ूरी दी।
- NPS को देश में पीएफआरडीए(PFRDA) द्वारा कार्यान्वित और विनियमित किया जा रहा है।
- PFRDA द्वारा स्थापित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ट्रस्ट एनपीएस के तहत आने वाली सभी संपत्तियों का पंजीकृत मालिक है।
- NPS का लक्ष्य पेंशन के सुधारों को स्थापित करना और नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को बढ़ावा देना है।
- NPS 1 मई 2009 से स्वैच्छिक आधार पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों सहित देश के सभी नागरिकों को प्रदान की गई है।
- अभिदाता अपनी इच्छानुसार इस खाते से अपनी बचत राशि को निकालने के लिये स्वतंत्र है।
- 18-65 वर्ष के आयु वर्ग में भारत का कोई भी नागरिक (निवासी और अनिवासी दोनों) एनपीएस में शामिल हो सकता है।
- लेकिन इसके अंतर्गत भारत के प्रवासी नागरिक और भारतीय मूल का व्यक्ति कार्ड धारक तथा हिंदू अविभाजित परिवार खाते खोलने के लिये पात्र नहीं हैं।
संरचना
- एनपीएस की संरचना द्विस्तरीय है
- टियर- 1 खाता- यह गैर-निकासी योग्य स्थायी सेवानिवृत्ति खाता है, जिसमें संग्रहीत राशि को ग्राहक के विकल्प के अनुसार निवेश किया जाता है।
- टियर- 2 खाता-यह एक स्वैच्छिक निकासी योग्य खाता है जिसकी अनुमति केवल तभी दी जाती है जब ग्राहक के नाम पर एक सक्रिय टियर-I खाता हो।