ऑपरेशन नारकोस
- रेलवे सुरक्षा बल(RPF) ने नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए ऑपरेशन नारकोस (NARCOS) शुरू किया।
- यह अभियान जून 2022 के महीने में चला था, जिसे रेल के माध्यम से नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ शुरू किया गया था।
- RPF ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ मिलकर देश भर में ट्रेनों और चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर अपनी जांच तेज कर दी है।
- रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने हाल ही में “ऑपरेशन नारकोस” के तहत 7.40 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थों के उत्पादों को बरामद किया है।
रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force)
- रेलवे सुरक्षा बल एक केंद्रीय सैन्य सुरक्षा बल है।यह प्रायः आरपीएफ के नाम से जाना जाता है
- RPF पैरा मिलिट्री फोर्स के रूप में भी जाना जाता है जिसे दोषियों को गिरफ्तार करने, जाँच पड़ताल करने एवं अपराधियों के विरूद्ध मुकदमा चलाने का अधिकार होता है।
- यह सुरक्षा बल भारतीय रेल मंत्रालय केअधीन होता है।
- इसका इतिहास 1882 का है, जब कई रेलवे कंपनियों ने रेलवे की संपत्ति की रक्षा के लिए अपने स्वयं के गार्ड नियुक्त किए थे।
- इसे 1957 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से एक वैधानिक बल घोषित किया गया था
- रेल सुरक्षा बल अधिनियम 1957 को 20 सितम्बर 1985 को संशोधित किया गया, रेलवे सुरक्षा बल को, संशोधित अधिनियम के अनुसार भारत संघ का सशस्त्र बल का दर्जा प्राप्त हो गया।
- भारत संघ के सशस्त्र बल का दर्जा प्राप्त होने पर RPF ने “स्थापना दिवस” सर्वप्रथम 20 सितंबर1986 को मनाया।
भूमिका
- संवेदनशील क्षेत्रों में यात्री ट्रेनों का अनुरक्षण।
- यात्री क्षेत्रों और परिसंचारी क्षेत्रों में प्लेटफार्मों पर अभिगम नियंत्रण, विनियमन और सामान्य सुरक्षा प्रदान करना ।
RPF द्वारा शुरू की गई कुछ अन्य पहल
1. ऑपरेशन आहट
- रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने फरवरी 2022 में मानव तस्करी को रोकने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान ‘ऑपरेशन आहट’ (OPERATION AAHT) शुरू किया है।
- ऑपरेशन आहट के तहत लंबी दूरी के सभी रूटों या ट्रेनों में विशेष टीमों को तैनात किया गया है।
- यह टीम पीड़ितों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को तस्करों से बचाने पर ध्यान केंद्रित करती है।
2. ऑपरेशन यात्री सुरक्षा
- “ऑपरेशन यात्री सुरक्षा” के तहत, RPF यात्री अपराध के खिलाफ लड़ने के लिए राज्य पुलिस का समर्थन करता है।
3. मेरी सहेली पहल
- महिला यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ‘मेरी सहेली पहल’ शुरू की गई थी।
- इसे 2020 में दक्षिण पूर्व रेलवे में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया था। बाद में इसे सभी जोन में बढ़ा दिया गया।
4. ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते
- रेलवे स्टेशनों पर छोड़े गए और अकेले पाए जाने वाले बच्चों को बचाने के लिए ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते शुरू किया गया था। अब तक 1,045 बच्चों को बचाया जा चुका है।