धरती का तापमान तेजी से बढ़ रहा है और इसके आसपास के वातावरण को प्रभावित कर रहा है।
पिछली एक सदी में पृथ्वी का औसत तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ा है
बाढ़, तूफान और तबाही जैसी प्राकृतिक आपदाओं की ज्यादा संभावना होती है। धरती के जंगलों की विलुप्ति वायु प्रदूषण को बढ़ाती है।
पिछली एक सदी में पृथ्वी का औसत तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ा है
जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र में अधिक धुंधला हो रहा है, जो कोरल रीफ जैसी समुद्री जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।
जलवायु परिवर्तन वायुमंडल के गैसों को भी प्रभावित करता है जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
तैष्टीकरण के कारण पर्यावरण की भूमि बिगड़ रही है, जो स्थायी बदलाव का कारण बन सकती है।
जलवायु परिवर्तन के कारण जीवन के बहुत सारे प्रकार के जानवरों को खतरा हो सकता है। इससे उन्हें खाने की चीजों की उपलब्धता में भी दिक्कत हो सकती है।
समुद्री जीवन को जलवायु परिवर्तन के कारण भी नुकसान होता है, जिससे समुद्री खाद्य श्रृंखला और समुद्री प्रजातियों को नुकसान होता है।
सन् 2050 तक वनस्पतियों की 15 प्रतिशत और जीवों की 27 प्रतिशत प्रजातियां लुप्त होने की संभावना है।
"वैश्विक तापमान बढ़ना पूरे विश्व की समस्या है और इसे समाधान के लिए विश्वस्तरीय प्रयासों की आवश्यकता होगी।"